नई दिल्ली, 17 जनवरी। देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादन कंपनी एनटीपीसी के छत्तीसगढ़ स्थित संयंत्र राख (Fly Ash) का ढेर लगाने का काम कर रहे हैं। राखड़ की उपयोगिता के मामले में ये संयंत्र पिछड़े हुए हैं।

छत्तीसगढ़ में नेशनल थर्मल पॉवर कारपोरेशन (NTPC) के मुख्य तौर पर चार विद्युत संयंत्र प्रचालन में हैं। सीपत, बिलासपुर में 2980 मेगावाट, कोरबा में 2600 मेगावाट, लारा, रायगढ़ में 1600 मेगावाट तथा भिलाई में सेल के साथ संयुक्त उपक्रम वाला 500 मेगावाट क्षमता वाला संयंत्र स्थापित है। चारों संयंत्र राख की उपयोगिता के मामले में पिछड़े हुए हैं। जबकि एनटीपीसी संयंत्र से उत्सर्जित राखड़ की उपयोगिता को लेकर बड़े दावे करता है। आंकड़े दावों के विपरित हैं। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान राख उपयोगिता की रिपोर्ट जारी की है।

एनटीपीसी सीपत

  • क्षमता : 2980 MW
  • राख उत्सर्जन : 51,97,700 टन
  • उपयोगिता : 30,80,300 टन
  • प्रतिशत : 59.26

एनटीपीसी कोरबा

  • क्षमता : 2600 MW
  • राख उत्सर्जन : 50,66,700 टन
  • उपयोगिता : 28,89,500 टन
  • प्रतिशत : 57.03

एनटीपीसी लारा

  • क्षमता : 1600 MW
  • राख उत्सर्जन : 32,34,200 टन
  • उपयोगिता : 18,23,200 टन
  • प्रतिशत : 56.37

एनटीपीसी- सेल, भिलाई

  • क्षमता : 500 MW
  • राख उत्सर्जन : 11,42,100 टन
  • उपयोगिता : 6,60,230 टन
  • प्रतिशत : 57.81

 

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