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कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषांगिक कंपनी एसईसीएल सूखे कोयले को खदानों से बाहर भेजने की बेहतर संपर्क सुविधा के लिए 3100 करोड़ रुपए की आठ तरह की योजना तैयार की है।

ये परियोजनाएं इस महारत्न कंपनी के उत्पादन को बढ़ाकर एक अरब टन करने की प्रस्तावित योजना का हिस्सा हैं और इसके तहत खदान के निकास बिंदु से रवानगी स्थल (फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी) तक कोयले के परिवहन को बेहतर बनाया जाएगा।

इस कदम से उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों के बिजली संयंत्रों को फायदा होगा।

साउथ इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (एसईसीएल) ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘कंपनी फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) के तहत कई कोयला खनन परियोजनाओं पर काम कर रही है, खासतौर से प्रस्तावित 1बीटी योजना के तहत, जिससे उत्पाद में भारी बढ़ोतरी होगी, आठ एफएमसी परियोजनाएं 3,100 करोड़ रुपये से अधिक के पूंजीगत व्यय से पूरी की जाएंगी।’’

कंपनी ने कहा कि इस कदम से बिजली उत्पादकों के लिए कोयले की लागत में कमी होगी और घरेलू आपूर्ति बढ़ने के चलते कोयला आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा में कमी आएगी।

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