केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को देश के विभिन्न ज़ोन/मंडलों, उत्पादन इकाइयों और रेलवे पीएसयू के 100 रेल कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए ‘अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार’ से सम्मानित किया। उन्होंने रेल कर्मचारियों के बीच सर्वोत्तम पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए 21 शील्ड भी प्रदान कीं। ये पुरस्कार/शील्ड नई दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत मंडपम में आयोजित 68वें रेल सप्ताह केंद्रीय समारोह में प्रदान किए गए।

इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, सीईओ और सदस्य, जोनल रेलवे के महाप्रबंधक और रेलवे की उत्पादन इकाइयों और रेलवे के सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुख भी मौजूद थे।

ये पुरस्कार और शील्ड प्रदान करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने सभी पुरस्कार विजेताओं को उनके असाधारण कार्यों और प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे में बड़े परिवर्तनकारी कार्य पूरी रफ्तार से चल रहे हैं। बीते 40 वर्षों की तुलना में इन हाल के 9.5 वर्षों में ज्यादा विद्युतीकरण किया गया है। इस बदलाव के पीछे बड़ी तस्वीर यह है कि जब 2015 में प्रधानमंत्री ने रेल बजट को आम बजट में मिला दिया, तो रेल अनुदान पर पहले जो ब्याज/पूंजी शुल्क देना पड़ता था, उसकी जरूरत नहीं रही और इससे रेलवे के लिए सभी वित्तीय बाधाएं दूर हो गईं। निवेश की कमी, जो रेलवे के लिए पहले सबसे बड़ी समस्या थी, वह अब गुज़रे कल की बात हो चुकी है।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”रेलवे से लोगों की उम्मीदें अब पूरी हो रही हैं। प्रधानमंत्री अक्सर कहते हैं कि यह रेलवे का स्वर्णिम काल है और इसके पीछे आप सभी की ताकत है। तमाम रेल कर्मचारियों की इस प्रतिबद्धता से हर किसी को गर्व होता है क्योंकि हम सभी अपने देश के लिए ऐसा कर रहे हैं। रेलवे के बुनियादी ढांचे को रिकॉर्ड रफ्तार और पैमाने पर विकसित किया जा रहा है। कई नई चीजें हो रही हैं जो रणनीतिक लक्ष्य हासिल करने में मदद कर रही हैं।”

रेलवे के जरिए लॉजिस्टिक्स की लागत में बड़े पैमाने पर हो सकने वाले संभावित बचत के बारे में बोलते हुए, श्री वैष्णव ने कहा, “ऐसा परिवहन, यदि सड़क मार्ग से किया जाए, तो इसमें ईंधन की लागत के साथ-साथ उच्च लागत भी शामिल होगी। एक अनुमान के मुताबिक, भविष्य में 3000 मिलियन टन नया कार्गो आएगा और यदि इसका आधा हिस्सा भी रेलवे को मिलता है तो इससे संभावित रूप से 16,000 करोड़ लीटर ईंधन और 1,28,000 करोड़ रुपये की बचत होगी जो देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि और बचत साबित होगी।”

देश के आर्थिक विकास के बारे में विस्तार से बताते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 में, भारत वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में 10वें स्थान पर था, जबकि 2004 में भारत पहले से ही 10वें स्थान कायम पर था और इस दृष्टि से, यह एक गवां दिया गया दशक था। अब, भारत पांचवें स्थान पर है और आने वाले वर्षों में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं विजन के तहत, भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान हासिल कर लेगा।

उन्होंने आगे कहा, “हम सभी को औपनिवेशिक मानसिकता को बदलना चाहिए और 2027 तक हम शीर्ष तीन में से एक बन जाएंगे। भारत की विकास यात्रा में रेलवे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हम अकेले लॉजिस्टिक की लागत में भारी मात्रा में बचत कर रहे हैं। हम सभी भाग्यशाली हैं कि हमारे पास ऐसा प्रधानमंत्री है जो रेलवे से भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री ने अक्सर मेरे साथ इतने सारे अनुभव साझा किए हैं कि जोकि केवल वही व्यक्ति बता सकता है जिसे रेलवे की कार्यप्रणाली के बारे में गहराई से जानकारी हो। वह रेलवे के प्रति बेहद प्रतिबद्ध हैं और सभी रेलवे कर्मचारी एक बेहद ही प्रतिबद्ध एवं समर्पित टीम का हिस्सा हैं जो राष्ट्र के विकास के लिए काम करना जारी रखेंगे।”

अपने संबोधन का समापन करते हुए, श्री वैष्णव ने कहा, “आप सभी राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दे रहे हैं और मुझे आशा है कि आप भविष्य में भी इसी तरह इसी दक्षता, प्रेरणा और समर्पण के साथ काम करते रहेंगे।”

रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती जया वर्मा सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि भारतीय रेलवे ने पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए 34 नई वंदे भारत ट्रेनें चलाई गई हैं और अमृत भारत के तहत 1309 स्टेशनों का पुनर्विकास किया गया है, जिससे यात्रियों के समग्र अनुभव में बदलाव आएगा तथा उनके बहुमूल्य समय की बचत होगी। रेल सुरक्षा के बारे में बात करते हुए रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष ने कहा कि कवच सहित समग्र सुरक्षा में सुधार के लिए रेलवे द्वारा उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे तेज गति और उच्च पैमाने के साथ लागू किया जा रहा है।

उन्होंने आगे की योजनाओं के बारे में बात करते हुए कहा कि भविष्य के लिए कई नई पहल होनी हैं, जिन पर हम शीघ्र ही अमल करेंगे। उन्होंने बताया कि मिशन के अंतर्गत भविष्य की गतिविधियों में 3000 मिलियन टन माल ढुलाई भी शामिल है। इसका अलावा, जीक्यूजीडी में बढ़ती गति के साथ ही पूर्वोत्तर तथा जम्मू कश्मीर सहित सभी असंबद्ध क्षेत्रों को जल्द ही रेलवे मानचित्र से जोड़ा जाएगा। श्रीमती सिन्हा ने पुरस्कार जीतने वाले कर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि इन सभी पुरस्कार विजेताओं की उत्कृष्टता एवं प्रतिबद्धता रेलवे को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे भारत को ‘विकसित भारत’ या एक विकसित देश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इस अवसर पर भारतीय रेलवे की कायापालट एवं रूपांतरण यात्रा पर एक लघु वृत्तचित्र प्रदर्शित किया गया और मनमोहक नृत्य प्रदर्शन सहित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।

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