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केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने वेस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड (WCL) डिस्पेंसरी के चिकित्सा अधीक्षक और नागपुर के एक निजी मेडिकल स्टोर के मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी वाले मेडिकल बिल बनाने में कथित संलिप्तता के आरोप में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है।

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एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि आरोपी चिकित्सा अधीक्षक ने झूठे मेडिकल पर्चे तैयार किए, जिनका इस्तेमाल निजी मेडिकल स्टोर के मालिक ने बढ़ा-चढ़ाकर बिल बनाने और डब्ल्यूसीएल से भुगतान प्राप्त करने के लिए किया।

यह भी आरोप है कि आरोपी चिकित्सा अधीक्षक ने मरीजों की जानकारी के बिना पर्चे जारी करने के बाद उनमें महंगी दवाइयां जोड़कर जालसाजी की। इन जाली दस्तावेजों के आधार पर, डब्ल्यूसीएल मुख्यालय, नागपुर द्वारा निजी मेडिकल स्टोर को बढ़ा-चढ़ाकर बिल जमा किए गए और उनका भुगतान किया गया।

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सीबीआई ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि डब्ल्यूसीएल से जुड़ी चिकित्सा सेवाओं में घोटाले का पता लगाने के लिए कई जगहों पर तलाशी ली गई है और जांच जारी है।

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