नई दिल्ली. देश में लॉक डाउन का दौर जारी है.लोगों की जान को कोरोना से बचाने के लिए सरकार द्वारा काफ़ी क़दम उठाएं जा रहे. जिनमे लॉकडाउन भी है और देश में लॉकडाउन का ये चौथा चरण है. लोगों से धार्मिक स्थलों की बजाय घर में ही इबादत करने की गाइड लाइन जारी की गई है.

दिल्ली जामा मस्जिद की बात करें तो हर साल यहां पर हज़ारों लोग अलविदा जुमे की नमाज़ अदा करते थे, लेकिन इस बार सिर्फ़ मस्जिद के स्टाफ़ से जुड़े चंद लोग ही मौजूद थे. लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए नमाज़ अदा की गई.

अलविदा जुमे का खुतबा पढ़ते हुए दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी फूट-फूट कर रोने लगे. नमाज का खुत्बा पढ़ते हुए उन्हें अहसास होता रहा कि कभी जहां हजारों नमाजी हुआ करते थे आज वहां सन्नाटा पसरा हुआ है. नमाज के बाद शाही इमाम ने  कोरोनावायरस से निजात के लिए और देश की तरक्की और खुशहाली के लिए दुआ भी मांगी.

वही जामा मस्जिद के शाही इमाम ने देर शाम कहा कि बड़ी संख्या में लोग जामा मस्जिद में नमाज अदा करने की ख्वाहिश रखते थे. लेकिन  लॉक डाउन के नियमों का पालन करते हुए मस्जिद में नहीं आए. लोगों ने अपने-अपने घरों पर ही ईद की नमाज अदा की. अलविदा जुमे की नमाज पर जामा मस्जिद के स्टाफ और कुछ ही सदस्यों ने नमाज अदा की और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से ख्याल रखा गया.

शाही इमाम ने लोगों से अपील की कि वह लॉकडाउन के नियमों और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करें. ईद की नमाज अपने घरों पर ही अदा करें और बाजारों में भीड़ ना बढ़ाएं. शाही इमाम ने अपील करते हुए कहा कि लॉक डाउन में सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है उसके नियमों का पूरी तरह से पालन करें क्योंकि किसी भी तरह की लापरवाही भारी साबित हो सकती है.

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