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नई दिल्ली (IP News). उत्तर प्रदेश में उपभोक्ताओं को विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति प्रदान करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण बिजली वितरण नेटवर्क में सुधार करने के लिए एशियन डिवेलपमेंट बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने आज 300 मिलियन डॉलर के ऋण पर हस्ताक्षर किए।

उत्तर प्रदेश बिजली वितरण नेटवर्क पुनर्वास परियोजना के लिए लोन किश्त 1 के लिए भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के अपर सचिव डॉ. सी एस महापात्रा और एडीबी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्टर श्री टेकेओ कोनिशी ने हस्ताक्षर किए।

ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, डॉ. महापात्रा ने कहा कि वितरण नेटवर्क को उन्नत करने से उत्तर प्रदेश में बिजली की आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार करने में मदद मिलेगी, तकनीकी और वाणिज्यिक (एटीसी) नुकसान को कम करने और ग्रामीण बिजली आपूर्ति की वित्तीय स्थिरता को बहाल करने में मदद मिलेगी।

वहीं, कोनिशी ने कहा कि इस परियोजना के तहत कृषि और आवासीय उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति के लिए अलग-अलग फीडर स्थापित किए जाएंगे, ताकि बिना मीटर के बिजली आपूर्ति के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके, साथ ही राज्य विद्युत वितरण इकाई के वित्तीय प्रबंधन को मजबूत किया जा सके और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को शामिल करके बिल संग्रह में सुधार लाया जा सके।

कुल मिलाकर, मल्टी-ट्रेन्च फाइनेंसिंग फैसिलिटी (एमएफएफ) ने दो ट्रेंच बनाने वाली परियोजना के लिए 430 मिलियन डॉलर की मंजूरी दे दी है। इस परियोजना के तहत एक मजबूत वितरण नेटवर्क बनाने के लिए ग्रामीण इलाकों में कम वोल्टेज वितरण लाइनों के 65,000 किमी तक रूपांतरण किया जाएगा, जिसमें खुले कंडक्टरों को हवाई बंडल कंडक्टर (एबीसी) में बदल दिया जाएगा। इससे 46,000 गांवों में अनुमानित 70 मिलियन लोगों को लाभ होगा। कृषि और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 17,000 किमी से अधिक दूरी तक फीडर सेपरेशन नेटवर्क स्थापित किया जाना है। इससे कृषि संबंधित जरूरतें, ग्रामीण आवासीय उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की अवधि में वृद्धि और ऊर्जा व जल संरक्षण के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग की सुविधा मिल सकेगी। इसके अलावा, यह परियोजना उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) की लैंगिक समावेशिता, कॉर्पोरेट प्रशासन और वित्तीय प्रबंधन क्षमता में सुधार करेगी।

बिल संग्रह में सुधार करने के लिए, इस परियोजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को सामुदायिक संग्रह एजेंटों के रूप में शामिल किया जाएगा, जिससे कि उनकी पारिवारिक आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी।
उत्तर प्रदेश बिजली क्षेत्र की लैंगिक समावेशिता और संस्थागत क्षमता निर्माण को मजबूत करने की दिशा में गरीबी निवारण के लिए एडीबी के टीए स्पेशल फंड और जापान फंड से एमएफएफ को 2 मिलियन डॉलर तकनीकी सहायता (टीए) अनुदान का प्रस्ताव है।

गरीबी को दूर करने के अपने प्रयासों को बनाए रखते हुए एडीबी समृद्ध, समावेशी, लचीला और स्थायी एशिया व प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध है। इसकी स्थापना 1966 में की गई थी। इससे 68 सदस्य जुड़े हैं, जिनमें से 49 इस क्षेत्र से हैं।

 

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