नई दिल्ली (IP News). केन्द्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री  आर. के. सिंह ने कहा, “एनटीपीसी अपनी विविधीकरण की योजनाओं के साथ भविष्य के लिए अच्छी तरह तैयार हो रहा है और एक जिम्मेदार औद्योगिक इकाई के रूप में, वह पर्यावरण के प्रति वचनबद्ध है। नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में क्षमता संवर्द्धन की दिशा में तेजी से बढ़ते कदम उसकी इस वचनबद्धता का सबूत है।”

श्री सिंह एनटीपीसी के 46वें स्थापना दिवस के अवसर पर डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारत के सबसे बड़े बिजली उत्पादक कंपनी के कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ-साथ वरिष्ठ प्रबंधन को संबोधित कर रहे थे।

विद्युत मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम एनटीपीसी लिमिटेड को उसकी स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए श्री सिंह ने कहा, “महामारी के दौरान एनटीपीसी ने हमारे दैनिक जीवन में सस्ती बिजली के महत्व को मजबूत करते हुए देश को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की है।” उन्होंने आगे कहा, “एनटीपीसी भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है और अब उसे विश्व के सबसे बड़े बिजली उत्पादकों में से एक बनने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। कंपनी की चुस्ती बनी हुई है, जिसने उसे बीते कुछ सालों में मजबूत होकर उभरने में मदद की है।”

इस अवसर पर बोलते हुए, भारत सरकार के विद्युत सचिव संजीव नंदन सहाय ने 45 साल की शानदार उत्कृष्टता के लिए एनटीपीसी को बधाई दी। श्री सहाय ने कहा, “मुझे एनटीपीसी को खुद को सुदृढ़ बनाते और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अपने निवेश के साथ आगे बढ़ते देखकर बेहद ख़ुशी हुई है।” उन्होंने एनटीपीसी द्वारा अपने बिजली संयंत्रों में 10% से 20% के बीच बायोमास के सह-प्रज्वलन के जरिए डंठल जलाने के कारण उत्पन्न हुए प्रदूषण को कम करने के उसके प्रयासों की प्रशंसा की। श्री सहाय ने भविष्य के ईंधन के रूप में हाइड्रोजन के उपयोग पर जोर दिया और इस दिशा में एनटीपीसी के कमर कसने और भविष्य के लिए तैयार होने की सराहना की।

इस अवसर पर, एनटीपीसी के सीएमडी गुरदीप सिंह ने कहा, “हम 1975 से एनटीपीसी के विकास में योगदान देने वाले सभी लोगों की सराहना और सम्मान करते हैं और वर्षों से इस कंपनी की सफलता के लिए एनटीपीसी परिवार को बधाई देते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, इस वित्तीय वर्ष में  हमने अपने उत्पादन में 1784 मेगावाट की बढ़ोतरी की है और देश को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की है। हम 2025 तक एक लाख मेगावाट क्षमता के लक्ष्य को हासिल करने की योजना बना रहे हैं और नवीकरणीय ऊर्जा के वितरण और विस्तार के क्षेत्र में अपनी विविधीकरण योजनाओं के साथ अच्छी तरह से तैयार हैं।”

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ में एनटीपीसी लारा की 880 मेगावाट की दूसरी इकाई के वाणिज्यिक संचालन की घोषणा की गयी।

स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत इंजीनियरिंग ऑफिस कॉम्प्लेक्स (ईओसी), नोएडा में ध्वजारोहण कार्यक्रम के साथ हुई। कोविड की वजह से उत्पन्न अनिश्चितता के बीच, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से देश भर के विभिन्न स्थानों से एनटीपीसी के अधिकारियों ने इस समारोह में भाग लिया।

एनटीपीसी के विभिन्न संयंत्रों को उत्पादकता, सुरक्षा, पर्यावरण के संरक्षण एवं सुधार, राजभाषा, सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सुविधाओं, सीएसआर एवं सामुदायिक विकास और परियोजना प्रबंधन के क्षेत्रों में स्वर्ण शक्ति पुरस्कार प्रदान किए गए।

यह आयोजन एनटीपीसी से जुड़े सभी लोगों के लिए खास है क्योंकि देश को बिजली की कमी से बचाने के लिए इसके प्रत्येक कर्मचारी ने इस साल की शुरुआत में लॉकडाउन चरण के दौरान चौबीसों घंटे काम किया। लॉकडाउन के दौरान एक बार फिर से बिजली के महत्वपूर्ण होने का तथ्य साबित हुआ, क्योंकि आपातकालीन सेवाओं के सुचारु संचालन के लिए इसकी बेहद जरूरत थी। इसके परिणामस्वरूप एनटीपीसी से अतिरिक्त बिजली की मांग हुई और इसने अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए लॉकडाउन के बावजूद चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति करके इस जिम्मेदारी को पूरा किया। इस संकट ने बिजली इंजीनियरों को एक नए नायक के रूप में उभरकर देश के हर नुक्कड़ को रोशनी प्रदान करते हुए देखा।

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