बिहार में विधानसभा चुनाव का एलान होते ही पहला ओपनियन पोल आ गया है। एबीपी न्यूज ने यह पोल सी वोटर के साथ मिलकर किया है। ओपिनियन पोल के दौरान बिहार को पांच इलाकों में बांटा गया था। इन इलाकों में- मिथिलांचल, अंग प्रदेश, मगध-भोजपुर, सीमांचल और उत्तर बिहार शामिल हैं।

बिहार की 243 सीटों पर चुनाव तीन चरणों में होगा और 10 नवंबर को चुनाव नतीजे आएंगे। पहले चरण में 16 जिलों की 71 सीटों पर, दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीटों पर और तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर चुनाव होगा। पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को, दूसरे चरण का मतदान 3 नवंबर को और तीसरे चरण का मतदान 7 नवंबर को होगा। चुनाव नतीजे 10 नवंबर को आएंगे।

कोरोना काल में यह पहला चुनाव है और क्या नीतीश वापसी करेंगे या तेजस्वी यादव के हाथ बाज़ी लगेगी, इस पर लोगों की नजरें लगी हुई हैं। एनडीए और महागठबंधन के बीच जोरदार मुक़ाबला होने की उम्मीद है।

एबीपी न्यूज और सी न्यूज के ओपनियन पोल के मुताबिक़, ओपिनयन पोल के मुताबिक़ 73 सीटों वाले उत्तर बिहार में एनडीए को 47 से 51 और महागठबंधन को 17 से 21 सीटें मिल सकती हैं। अन्य के खाते में 4 से 6 सीटें जा सकती हैं। इसके बाद मगध-भोजपुर इलाके की 69 विधानसभा सीटों में भी एनडीए आगे दिख रहा है। यहां पर एनडीए को 39-43, महागठबंधन को 20-24 और अन्य को 5-7 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।

ओपिनियन पोल के मुताबिक़, मिथिलांचल की 50 सीटों में से एनडीए को 27-31 सीटें मिल सकती हैं जबकि महागठबंधन को 16-20 और अन्य के खाते में 2-4 सीटें जा सकती हैं। पूर्वी बिहार यानी अंग प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों में एनडीए को 14-18 सीटें, महागठबंधन को 7-11 सीटें और अन्य को 1-3 सीटें मिलने का अनुमान है।

सीमांचल में ओवैसी फैक्टर 

24 सीटों वाले सीमांचल में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए को 14-18, महागठबंधन को 4-8 और अन्य को 1-3 सीटें मिल सकती हैं। सीमांचल में महागठबंधन को जबरदस्त संभावित नुक़सान होने का एक कारण असदुद्दीन ओवैसी भी हो सकते हैं। क्योंकि इस इलाक़े में मुसलिम उम्मीदवार बड़ी संख्या में हैं और ओवैसी यहां पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ रहे हैं।

कुल 243 सीटों के हिसाब से देखें तो ओपिनियन पोल के मुताबिक़, एनडीए को 141-161 सीटें, महागठबंधन को 64-84 सीटें और अन्य को 13-23 सीटें मिल सकती हैं।

एबीपी न्यूज-सी वोटर का ओपिनियन पोल स्पष्ट रूप से बताता है कि बिहार में एक बार फिर नीतीश के नेतृत्व में एनडीए की वापसी हो सकती है और महागठबंधन को मात मिल सकती है। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भी एनडीए को जबरदस्त जीत मिली थी और राज्य की 40 सीटों में से 39 सीटें उसकी झोली में गई थीं।

 

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