कोलकाता। कोल इंडिया लिमिटेड ने भारतीय रेलवे के समक्ष खदानों से 701-1400 किलोमीटर की दूरी तक कोयला परिवहन पर 15 प्रतिशत रियायत देने की मांग रखी है। यहां बताना होगा कि जून में रेलवे बोर्ड ने कोयले की ढुलाई पर 1400 किमी से अधिक की दूरी के लिए माल ढुलाई मूल्य पर 20 प्रतिशत रियायत देने का फैसला किया था।

रियायत सामान्य टैरिफ दरों पर है, बशर्ते कि रियायत लागू करने के बाद माल की कीमत 1400 किमी तक की दूरी के लिए टैरिफ दर से कम नहीं होनी चाहिए। यह रियायत जुलाई 2020 से 30 जून, 2021 तक वैध है। कोल इंडिया के अधिकारियों ने कहा कि कंपनी से जुड़े 126 कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट में से 14 संयंत्र ही ऐसे हैं, जो 1400 किमी या इससे अधिक दूरी पर हैं। विद्युत संयंत्रों को प्रतिवर्ष केवल 42 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति होती है। मौजूदा रियायत से लाभान्वित होने वाले छह गैर-बिजली उपभोक्ताओं के साथ प्रति वर्ष 1.37 मिलियन टन वार्षिक कोयला आपूर्ति का अनुबंध है। कोल इंडिया के अधिकारियों का कहना है कि 701-1400 किलोमीटर की सीमा में स्थित संयंत्रों को कोयला ढुलाई की दर में रियायत देने से उन्हें राहत मिलेगी और पर्याप्त मात्रा में घरेलू कोयला मिल सकेगा।

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