Coal India
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कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के पास कोयले के अतिरिक्त स्टॉक को देखते हुए कोयला मंत्रालय ने कंपनी द्वारा ताप बिजली इकाइयों को उनकी मानदंड संबंधी जरूरतों का 100 प्रतिशत कोयले की आपूर्ति करने की योजना को मंजूरी दे दी है।
मंत्रालय ने सिफारिश की है कि कोयले की सालाना ठेके की मात्रा (एसीक्यू) गैर तटीय कोयला संयंत्रों की मानदंड संबंधी जरूरतों का 100 प्रतिशत किया जाए। यह पहले 900 प्रतिशत थी। तटीय संयंत्रों के लिए एसीक्यू बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया गया है।
मानदंड संबंधी जरूरत ताप बिजली संयंत्र की कोयले की मांग की वह मात्रा है, जो क्षमता, हीट रेट, बॉयलर की विशेषताओं और उसके मुताबिक कोयले के इस्तेमाल के आधार पर तय होती है। मानदंड संबंधी जरूरत हर स्टेसन के लिए अलग अलग होती है।
कोयला मंत्रालय का यह फैसला सीआईएल के साथ हुए दीर्घावधि समझौते और नीलामी के माध्यम से कोयला आपूर्ति मिलने की दोनों व्यवस्थाओं पर लागू होगा। सीआईएल समय समय पर बिजली और गैर बिजली क्षेत्र के लिए दीर्घावधि और मध्यावधि के हिसाब से कोयले की आपूर्ति के सौदों के लिए नीलामी का आयोजन करती है।
इस सप्ताह हुई बैठक के ब्योरे में कहा गया है, ‘सीआईएल के अनुरोध और बिजली मंत्रालय की सिफारिशों को देखते हुए स्टैंडिंग लिंकेज कमेटी (कोयला मंत्रालय की) ने सिफारिश की है कि मानदंड संबंधी जरूरतों के 100 प्रतिशत तक एसीक्यू बढ़ाया जाए।’
समिति ने आगे कहा है कि कोयला आपूर्ति लिंकेज के उन मामलों में, जहां इसे नीलामी के माध्यम से हासिल किया गया है, नए मानकों के मुताबिक अधिकृत मात्रा को बदला जा सकता है और ग्राहकों को एसीक्यू की बढ़ी जरूरतों के लिंकेज पाने के लिए नीलामी में हिस्सा लेना होगा।
उपरोक्त उल्लिखित बैठक में सीआईएल ने सूचित किया कि उसके पास कोयले का पर्याप्त भंडार है और गैर विनियमित क्षेत्रों (जैसे लोहा, स्टील आदि) में कोविड-19 के कारण मांग सुस्त है। सीआईएल ने कहा, ‘सीआईएल ने एसीक्यू बढ़ाकर 100 प्रतिशत तक करने का फैसला किया है। यह विस्तार इसमें दिलचस्पी लेने वाले बिजली संयंत्रों को विकल्प के रूप में दिया जाएगा, जिससे कि वे एसीक्यू में बढ़ोतरी कर आयात की मात्रा कम कर सकें।’
यह केंद्र सरकार द्वारा कोयले का आयात कम करने के दिशानिर्देश के अनुरूप है। पिछले महीने सीआईएल ने कोयले की ई-नीलामी की विशेष श्रेणी की शुरुआत उन कंपनियों व कारोबारियों के लिए की थी, जो अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए कोयले का आयात करते हैं।
कंपनी ने मंत्रालय को यह भी सूचित किया है कि चालू वित्त वर्ष में सीआईएल के पास करीब 70 करोड़ टन कोयला उपलब्ध होगा। कंपनी ने आगे कहा है कि अगले वित्त वर्ष से उत्पादन, 2024 में 100 करोड़ टन सालाना उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के अनुरूप होगा।
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