नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के इलाज के लिए दवा कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स (Glenmark Pharmaceuticals) ने  एक नई दवा (Medicine) पेश की है। मामूली रूप से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए एंटीवायरल दवा फेविपिराविर को फैबिफ्लू ब्रांड नाम से पेश किया गया है। इसकी कीमत 103 रुपये प्रति टैबलेट होगी। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह दवा 200 एमजी के टैबलेट में उपलब्ध होगी। इसके 34 टैबलेट के पत्ते की कीमत 3,500 रुपये होगी।

पढ़ें, इस दवा से जुड़ी हुई 10 बातें:

1- कंपनी का कहना है कि फैबिफ्लू कोरोना वायरस के इलाज के लिए फेविपिराविर दवा है, जिसे मंजूरी मिली है। यह दवा डॉक्टर की सलाह पर 103 रुपये प्रति टैबलेट के दाम पर मिलेगी। पहले दिन इसकी 1800 एमजी की दो खुराक लेनी होगी। उसके बाद 14 दिन तक 800 एमजी की दो खुराक लेनी होगी।

2- ग्लेनमार्क फार्मा ने कहा कि मामूली संक्रमण वाले ऐसे मरीज जो मधुमेह या दिल की बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें भी यह दवा दी जा सकती है। सल्दान्हा ने कहा कि यह खाने की दवाई है। ऐसे में जब अस्पताल के ढांचे पर दबाव हो, तो यह काफी लाभकारी साबित हो सकती है।

3- इस दवा की विनिर्माण क्षमता के बारे में पूछे जाने पर कंपनी ने कहा कि प्रति मरीज दो न्यूनतम दो पत्ते की जरूरत के हिसाब से पहले महीने में ही वह 82,500 मरीजों के लिए फैबिफ्लू उपलब्ध करा पाएगी। कंपनी ने कहा, ‘हमारी स्थिति पर निगाह है और स्थिति के अनुसार कंपनी देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के हिसाब से उत्पादन बढ़ाएगी।’

4- कंपनी इस दवा के लिए एक्टिव फार्मास्युटिकल इन्ग्रिडिएंट (एपीआई) का उत्पादन अपने अंकलेश्वर संयंत्र में कर रही है। फार्मूलेशन का उत्पादन हिमाचल प्रदेश के बद्दी संयंत्र में किया जा रहा है। यह दवा अस्पतालों के अलावा खुदरा चैनलों के जरिए भी उपलब्ध होगी।

5- यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी इस दवा की आपूर्ति के लिए अस्पतालों के साथ गठजोड़ पर भी विचार कर रही है, ग्लेनमार्क फार्मा ने कहा कि अभी हमारी प्राथमिकता फैबिफ्लू का विनिर्माण है जिससे इसे मरीजों तक पहुंचाया जा सके। ग्लेनमार्क निश्चित रूप से निजी और सरकारी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को समर्थन पर विचार करेगी। समय और जरूरत के हिसाब से वह अन्य उचित विकल्पों पर भी विचार करेगी।

6- मुंबई की कंपनी ने शुक्रवार को कहा था कि उसे भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) से इस दवा के विनिर्माण और विपणन की अनुमति मिल गई है।

7- ग्लेनमार्क फार्मास्युटिल्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ग्लेन सल्दान्हा ने कहा, ‘यह मंजूरी ऐसे समय मिली है जबकि भारत में कोरोना वायरस के मामले पहले की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली काफी दबाव में है।’

8- उन्होंने उम्मीद जताई कि फैबिफ्लू जैसे प्रभावी इलाज की उपलब्धता से इस दबाव को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी। सल्दान्हा ने कहा कि क्लिनिकल परीक्षणों में फैबिफ्लू ने कोरोना वायरस के हल्के संक्रमण से पीड़ित मरीजों पर काफी अच्छे नतीजे दिखाए।

9- उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह खाने वाली दवा है जो इलाज का एक सुविधाजनक विकल्प है। उन्होंने कहा कि कंपनी सरकार और चिकित्सा समुदाय के साथ मिलकर काम करेगी ताकि देशभर में मरीजों को यह दवा आसानी से उपलब्ध हो सके।

10- कंपनी ने कहा कि उसकी आंतरिक शोध एवं विकास टीम ने सफलतापूपर्वक इसका एक्टिव फार्मास्युटिकल इन्ग्रिडिएंट (एपीआई) और फार्मूलेशन विकसित किया है। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स के अध्यक्ष भारतीय फार्मूलेशंस, पश्चिम एशिया और अफ्रीका सुजेश वासुदेवन ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमने फेविपिराविर पर इसलिए काम करने का फैसला किया क्योकि इसे सार्स सीओवी2 वायरस पर प्रभावी पाया गया है। यह वायरस ही कोरोना वायरस महामारी की वजह है।’

 

 

source : Hindustan

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