कोरबा (IP News). छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में तीन लाख टन सालाना क्षमता वाला एल्युमिना रिफाइनरी का संयंत्र स्थापित होने जा रहा है। ग्राम चिरंगा, तहसील बतौली में इसकी स्थापना मेसर्स मां कुदरगढ़ी एल्युमिना रिफाइनरी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की जाएगी। संयंत्र के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु 12 अप्रेल को जनसुनवाई होगी।

कंपनी की ईआईए रिपोर्ट के अनुसार एल्युमिना रिफाइनरी के लिए कच्चा माल यानी बाक्साइट मेनपाट खदान से प्राप्त किया जाएगा। 3 लाख टन सालाना क्षमता वाली रिफाइनरी के लिए बाक्साइट की कितनी खपत होगी, यह स्पष्ट नहीं किया गया है। जानकारी के अनुसार 6 लाख से ज्यादा के बाक्साइट की आवश्यकता होगी। कंपनी एल्युमिना रिफाइनरी के साथ ही 30 मेगावाट क्षमता वाला कैप्टिव पाॅवर प्लांट भी स्थापित करेगी। पाॅवर प्लांट के लिए कोयला एसईसीएल की कोयला खदान से प्राप्त किया जाएगा। कंपनी ने इसकी जानकारी नहीं दी है कि कितनी मात्रा में कोयले की खपत होगी।

एल्युमिना रिफाइनरी 111.3 हेक्टेयर भूमि पर स्थापित होगी। कंपनी ने अपनी ईआईए रिपोर्ट में बताया है कि प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1147 करोड़ रुपए होगी। कंपनी ने प्लांट से कितने लोगों का रोजगार मिलेगा इसे स्पष्ट नहीं किया है। मेसर्स मां कुदरगढ़ी एल्युमिना रिफाइनरी प्राइवेट लिमिटेड रायपुर की कंपनी है तथा स्टील संयंत्र का प्रचालन किया जाता है।

यहां बताना होगा छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक कंपनी बालको द्वारा कोरबा जिला में एल्युमिना रिफाइनरी की स्थापना की गई थी, जिसे विनिवेश के बाद बंद कर दिया गया। रिफाइनरी से एल्युमिना पाउडर तैयार किया जाता है। एल्युमिना पाउडर से एल्यूमिनियम तैयार होता है।

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