जिंदल स्टील एंड पावर ने थर्मल पावर बिजनेस जेएसडीएल के प्रवर्तक समूह के स्वामित्व वाली कंपनी वर्ल्डवन प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया। जेएसपीएल ने जिंदल पावर लिमिटेड की 96.42 फीसदी हिस्सेदारी का विनिवेश वर्ल्डवन को किया है।

उद्योग के सूत्रों ने कहा कि इस सौदे का अनुमानित आकार 12,000 करोड़ रुपये है, जिसमें 6,500 करोड़ रुपये कर्ज, 7,000 करोड़ रुपये का भुनाया जाने वाला तरजीही शेयर और 3,015 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश शामिल है। इसमें 4,400 करोड़ रुपये का पुराना कर्ज शामिल है, जिसे जेपीएल ने जेएसपीएल से लिया था। जेएसपीएल ने एक सार्वजनिक बयान में कहा, यह विनिवेश कर्ज घटाने के जेएसपीएल के रणनीतिक मकसद, भारतीय स्टील कारोबार पर ध्यान केंद्रित करने और ईएसजी के मकसद के तहत कार्बन में करीब आधी कमी करने के मुताबिक है।

कंपनी ने कहा, जेपीएल की 96.42 फीसदी हिस्सेदारी के लिए नकदी पेशकश के तहत इक्विटी वैल्यू 3,015 करोड़ रुपये है। इसमें छत्तीसगढ़ का 3,400 मेगावॉट वाला कोयले से चलने वाला बिजली संयंत्र और जेपीएल के मालिकाना हक वाली अन्य गैर-प्रमुख परिसंपत्तियां शामिल है। जेएसपीएल के पास कोयले से चलने वाला दो बिजली संयंत्र है – रायगढ़ और तमनार (कुल 3,400 मेगावॉट)। जेपीएल ने पहले अपनी इकाइयां जेएसडब्ल्यू एनर्जी को बेचने की कोशिश की थी, लेकिन यह सौदा नहीं हो पाया।

जेएसपीएल के प्रबंध निदेशक वी आर शर्मा ने कहा, यह विनिवेश दुनिया में सबसे कम कार्बन उत्सर्जन वाली 10 अग्रणी स्टील कंपनियों में शामिल होने के हमारे ईएसजी मकसद के मुताबिक है। इसके अलावा कर्ज घटाने की हमारी कोशिश की ओर भी यह बढ़ता कदम है और अपने निवेशकों व हितधारकों के लिए बैलेंस शीट को मजबूत बनाने का भी। उन्होंने कहा कि कंपनी अब स्टील उथ्पादन पर ध्यान देगी और अपने अंगुल संयंत्र में उत्पादन दोगुना कर 1.2 करोड़ टन सालाना करेगी। कंपनी ने कहा, यह विनिवेश जेएसपीएल के शेयरधारकों, जेपीएल व जेएसपीएल के लेनदारों  और अन्य जरूरी व नियामकीय मंजूरी आदि पर निर्भर करेगा।

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