सेंट्रल गवर्मेंट के कर्मचारियों को मिलने वाले लीव एंड ट्रेवल कंसेशन स्कीम (LTC Scheme) में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि LTC स्कीम में क्लेम को लेकर कई तरह की अनियमितताएं हुई हैं। CAG ने कहा कि कई सरकारी कर्मचारियों ने गलत तरीके से LTC बिलों की राशि का भुगतान यानी रिम्बर्समेंट करा लिया।

CAG ने कहा कि कई LTC बिलों में क्लेम अमाउंट वाले कॉलम में छेड़छाड़ करके एयर टिकट पर लिखी हुई राशि को क्लेम फार्म में ज्यादा कीमत के साथ लिख दिया गया। यानी अगर एयर टिकट 10,000 का है तो उसे बढ़ाकर 15,000 रुपये लिख दिया गया। कुछ बिल में जो टिकट जमा कराई, वह अनाधिकृत वेंडर से खरीदी गई थी। कुछ ऐसे मामले भी थे जिनमें टिकट तो सही एजेंसी से ली थी, लेकिन एलटीसी फार्म में उसकी राशि ज्यादा दिखा दी गई।

इतना ही नहीं, CAG को कई जाली टिकटें भी मिलीं। कुछ कर्मचारियों ने एयर कटट खरीदने में भुगतान का जरिया क्या था, यह नहीं बताया। अगर राशि लिखी तो टिकट एजेंसी का नाम गायब था। CAG जांच में सामने आया कि बहुत से कर्मियों ने जो एयर टिकट जमा कराई, उन पर सर्विस टैक्स नहीं लगा था। कर्मियों ने ब्रेकअप हवाई यात्रा का टिकट जमा नहीं कराया।

LTC बिल में इतनी कमियां होने के बावजूद कर्मियों के बिल पास कर दिए गए। इस रिपोर्ट के आने के बाद अब सभी मंत्रालयों से कहा गया है कि वे अपने कर्मचारियों को नई वॉर्निंग जारी करें और उन्हें सस्ती दरों पर मिलने वाली टिकटें खरीदने का निर्देश दिया गया है।

CAG की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी विभागों में बिना किसी देरी के इंटरनल ऑडिट कराया जाए और पता लगाएं कि किस कर्मचारी ने हवाई यात्रा के फर्जी बिल लगाकर एलटीसी की राशि क्लेम की है। साथ ही यह भी पता लगाने का निर्देश दिया गया है कि किन कर्मचारियों ने अनाधिकृत एजेंसी से टिकट खरीदा है और कितनों ने तय एयरलाइंस के अलावा किसी प्राइवेट एयरलाइंस में सफर किया।

इस आदेश में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा जमा कराए गए एयर टिकटों का मिलान संबंधित एजेंसी से कराया जाएगा। सभी मंत्रालयों और विभागों को एलटीसी दस्तावेजों की जांच-पड़ताल कर 30 सितंबर तक रिपोर्ट सौंपनी होगी। इस मामले में दोषी पाए गए कर्मियों को सेवा से बर्खास्तगी और जबरन रिटायरमेंट जैसा बड़ा दंड दिया जा सकता है। इंटरनल ऑडिट के बाद जो कर्मी दोषी पाए जाएंगे, उनसे वसूली की जाएगी।

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