कोरबा (आईपी न्यूज)। कोरोना वायरस के कहर के बीच तबलीगी जमात चर्चा में हैं। चर्चा इसलिए कि इस जमात ने मरकज के जरिए कोरोना का संक्रमण फैलाने में अहम रोल अदा किया है। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले तक इसका लिंक जुड़ा हुआ है। दूसरे राज्यों से आए जमातियों के साथ कटघोरा की पुरानी बस्ती स्थित मस्जिद में रह रहे एक नाबालिग के कोरोना पाॅजिटिव होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल जिले में कोरोना संक्रमिक व्यक्ति मिलने का यह दूसरा केस है।

यहां चर्चा का विषय यह है कि कोरबा जिले में आखिर तबलीगी जमात की कब से और कितनी पैठ है। जानकारी के अनुसार जिले में इस जमात की कुल नौ मस्जिदें हैं। इससे इस जमात की सक्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। नौ में तीन मस्जिद कटघोरा नगर के पूछापारा, पुरानी बस्ती और अम्बिकापुर रोड पर स्थित है। इसके अलावा कोरबा शहर के राताखार, धनुवारपारा, एसईसीएल क्षेत्र सहित जैलगांव, दीपका और पसान में जमात की मस्जिदें स्थित हैं। राताखार मस्जिद के इमाम तबलीगी जमात के मुख्य कर्ताधर्ता बताए गए हैं। जमात की गतिविधियां कटघोरा नगर में कहीं ज्यादा है। बताया गया है कि जिले में 6 से 8 हजार की संख्या में लोग तबलीगी जमात से ताल्लुक रखते हैं। इसमें युवा वर्ग बड़ी संख्या में है। तबलीगी जमात भी इस्लाम धर्म के अनुयायियों का एक वर्ग है, लेकिन ज्यादातर मुस्लिम इनकी मुखालफत करते हैं। इसकी वजह इनके तौर तरीकों को बताई गई है। एक बात सामने आई है कि तबलीगी जमात के लोग इस्लामी के अलावा बुनियादी शिक्षा पर बहुत जोर देते हैं।

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