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नई दिल्ली (IP News). कर्मचारी भविष्य निधि संगठन(ईपीएफओ) ने 20 दिसंबर, 2020 को अनंतिम पेरोल आंकड़े जारी किए। इनके मुताबिक अक्टूबर, 2020 में ईपीएफओ के साथ 11.55 लाख नए सदस्य जुड़े हैं। कोविड-19 महामारी के बावजूद ईपीएफओ ने चालू वित्तीय वर्ष (अप्रैल से अक्टूबर तक) के दौरानकरीब 39.33 लाख नए सदस्यों को जोड़ा है।इन प्रकाशित किए गए आंकड़ों में उन सभी नए सदस्यों को शामिल किया गया है, जो महीने के दौरान शामिल हुए हैं और जिनका योगदान प्राप्त हो चुका है।

पिछले वर्ष के आंकड़ों के आधार पर तुलना करने से ये बात सामने आई है कि अक्टूबर, 2020 में पेरोल के नए आंकड़ों में 56 फीसदी की अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले अक्टूबर, 2019 में 7.39 लाख नए सदस्य ईपीएफओ के साथ जुड़े थे। ये आंकड़े इसके संकेत हैं कि देश में रोजगार की स्थिति कोविड-19 के स्तर से पहले की स्थिति में पहुंच रहे हैं।

अक्टूबर, 2020 में लगभग 7.15 लाख नए सदस्य ईपीएफओ के साथ जुड़े थे और इसी महीने के दौरान लगभग 2.40 लाख सदस्य इससे बाहर हो गए।साधारण तौर पर 6.80 लाख सदस्यों पहले ईपीएफओ से बाहर निकले और फिर इससे जुड़ गए। यह आंकड़ा इस बात की संकेत करता है कि ईपीएफओ के तहत आने वाले प्रतिष्ठानों/कंपनियों के भीतर सदस्यों द्वारा नौकरियों की अदला-बदली की गई औरइन्होंने अंतिम निस्तारण करने की जगह धन स्थानांतरित करके अपनी ईपीएफओ सदस्यता को बनाए रखा।ईपीएफओ से बाहर निकलने वाले सदस्यों के फिर से इससे जुड़ने से इस बात के संकेत मिलते हैं कि भारत में सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या में कमी होने के साथ कर्मचारी अपनी नौकरियों में वापस लौट रहे हैं।

यह ऐतिहासिक मामला है कि अक्टूबर, 2020 में सबसे अधिक संख्या में 18-25 साल की उम्र केसदस्य जुड़े हैं। आंकड़े बताते हैं किअक्टूबर, 2020 में जितने सदस्य ईपीएफओ से जुड़े हैं, उनमें लगभग 50 फीसदी इस आयु वर्ग के सदस्य हैं।ऐसा संभवत: भारत की जनसांख्यिकी रूप-रेखा की प्रकृति के चलते हुआ है। 18-25 साल की उम्र के सदस्यों को श्रम बाजार में नया चेहरा माना जाता है।

राज्यवार तुलना करने पर पेरोल आंकड़े दिखाते हैं किमहाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और हरियाणा में सबसे अधिक रोजगार के मामलों में रिकवरी हुई है। इन राज्यों में चालू वित्तीय वर्ष (2020-21) के सात महीनों यानी अप्रैल से अक्टूबर के दौरान सभी उम्र के सदस्यों के आधार पर नए सदस्यों की संख्या 53 फीसदी बढ़कर 39.33 लाख हो गई है।

वहीं अगर क्षेत्रवार देखा जाए तो ‘विशेषज्ञसेवाओं’ में लगातार सबसे अधिक सदस्य जुड़े हैं। चालू वित्तीय वर्ष के दौरान इस क्षेत्र से जुड़ने वाले सदस्यों की संख्या 60 फीसदी बढ़ी है। वहीं दूसरे क्षेत्रों जैसे; बिल्डिंग और निर्माण क्षेत्र, ट्रेडिंग-कमर्शियल इस्टैब्लिशमेंट्स, इंजीनियरिंग एवं इंजीनियरिंग कॉन्ट्रैक्टर और इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल एवं जनरल इंजीनियरिंग उत्पादों में भी तेजी से सुधार हो रहा है।

इसके अलावा पेरोल आंकड़ों का लिंगवार विश्लेषण यह दिखाता है कि अक्टूबर, 2020 में लगभग 2.08 लाख महिलाएं ईपीएफओ के साथ जुड़ी थीं। इसके अलावा अक्टूबर, 2020 में जुड़ने वाले कुल सदस्यों में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 21 फीसदी थी।

ईपीएफओ एक सामाजिक सुरक्षा संगठन है, जो कि कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम(ईपीएफ एंड एमपी एक्ट), 1952 के तहत अपने सदस्यों को कई सारे फायदे देता है। इनमें भविष्य निधि, सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन, आकस्मिक स्थिति में सदस्य की मौत के बाद उनके परिवार को पेंशन सुविधा एवंबीमा लाभ शामिल हैं।पेरोल के यह आंकड़े अनंतिम तौर (प्रोविजनल) पर है, क्योंकि कंपनियों की तरफ से कर्मचारियों के रिकॉर्ड लगातार आते रहते हैं जो कि प्रत्येक महीने अपडेट होते हैं।

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