नई दिल्ली। घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए बसें चलाए जाने के मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को योगी आदित्यनाथ सरकार पर जोरदार हमला बोला है। प्रियंका ने ताबड़तोड़ ट्वीट कर कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हद कर दी है।

प्रियंका ने कहा, ‘जब राजनीतिक परहेजों को परे करते हुए त्रस्त और असहाय प्रवासी भाई-बहनों की मदद करने का मौक़ा मिला तो दुनिया भर की बाधाएँ खड़ी कर दीं। योगी जी, इन बसों पर आप चाहें तो बीजेपी का बैनर लगा दीजिए, अपने पोस्टर बेशक लगा दीजिए लेकिन हमारे सेवा भाव को मत ठुकराइए क्योंकि इस राजनीतिक खिलवाड़ में तीन दिन बीत चुके हैं और इन्हीं तीन दिनों में हमारे देशवासी सड़कों पर चलते हुए दम तोड़ रहे हैं।’

कांग्रेस नेत्री ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश सरकार का खुद का बयान है कि हमारी 1049 बसों में से 879 बसें जाँच में सही पाई गईं। ऊँचा नागला बॉर्डर पर आपके प्रशासन ने हमारी 500 से ज्यादा बसों को घंटों से रोक रखा है। इधर, दिल्ली बॉर्डर पर भी 300 से ज्यादा बसें पहुँच रही हैं। कृपया इन 879 बसों को तो चलने दीजिए।
प्रियंका ने आगे कहा है कि हम आपको कल 200 बसों की नई सूची दिलाकर बसें उपलब्ध करा देंगे और बेशक उस सूची की भी जाँच कीजिएगा लेकिन लोग बहुत कष्ट में हैं, दुखी हैं, हम और देर नहीं कर सकते।

कांग्रेस ने मंगलवार सुबह एक पत्र जारी कर कहा था कि शाम 5 बजे तक सभी बसें दिल्ली और ग़ाज़ियाबाद के बॉर्डर पर पहुंच जाएंगी। लेकिन अब प्रियंका गांधी के कार्यालय की ओर से एक और पत्र जारी कर कहा गया है कि लगभग 3 घंटे से बसें यूपी बॉर्डर के ऊंचा नागला पर खड़ी हैं लेकिन आगरा का जिला प्रशासन बसों को अंदर नहीं आने दे रहा है। पत्र में कहा गया है कि बसों को अंदर आने की अनुमति दी जाए जिससे उन्हें सही समय पर नोएडा और ग़ाज़ियाबाद पहुंचाया जा सके।

1049 वाहनों में 879 ही बसें!

उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि प्रियंका गांधी ने जिन 1049 वाहनों के बारे में जानकारी दी थी उनमें से 879 ही बसें हैं। बाक़ी गाड़ियां ऑटो, थ्री-व्हीलर, एम्बुलेंस, ट्रक, डीसीएम, मैजिक, टाटा एस, प्राइवेट कार और 59 स्कूल बसें हैं।

ग़ौरतलब है कि प्रियंका गांधी ने बीते शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संकट में फंसे प्रवासी मजदूरों को लाने व ले जाने के लिए अपनी ओर से 1000 बसें देने की पेशकश की थी। लेकिन योगी सरकार 2 दिन तक इस मामले में चुप्पी साधे बैठी रही थी।

योगी सरकार ने सोमवार (18 मई) को प्रियंका की ओर से भेजे गए पत्र का संज्ञान लिया और प्रस्ताव को स्वीकारते हुए बसों की सूची मांगी। सोमवार देर शाम को कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर बसों की सूची प्रदेश सरकार को सौंप दी।

राजनीति कर रही योगी सरकार: कांग्रेस

इस मामले में विवाद तब खड़ा हुआ जब गृह विभाग के सचिव अवनीश अवस्थी ने सोमवार रात को प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह को ई-मेल कर बसों को लखनऊ लाकर ड्राइविंग लाइसेंस व फिटनेस सर्टिफिकेट दिखाने को कहा। इस पर कांग्रेस ने कहा कि मजदूर यूपी की सीमाओं पर फंसे हैं और सरकार खाली बसों को लखनऊ बुला रही है। उन्होंने कहा कि मजदूर संकट में फंसे हुए हैं और प्रदेश सरकार राजनीति से बाज़ नहीं आ रही है।

छीछालेदार होने पर योगी सरकार के गृह विभाग की ओर से मंगलवार सुबह एक और पत्र भेजकर कहा गया कि योगी सरकार इन बसों को ग़ाज़ियाबाद और नोएडा में लेने के लिए तैयार है। इस पर कांग्रेस ने शाम 5 बजे तक का वक़्त मांगा  लेकिन अब प्रियंका गांधी के कार्यालय की ओर से कहा गया है कि बसों को आगरा के अंदर ही नहीं आने दिया जा रहा है।

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