नई दिल्ली। बिजली उत्पादन कंपनियों का बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बकाया अगस्त 2020 में 37 प्रतिशत बढ़कर 1.33 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इस क्षेत्र में तनाव को दर्शाता है। बिजली खरीद-बिक्री में पारदर्शिता लाने के लिए शुरू किए गए प्राप्ति पोर्टल के मुताबिक अगस्त 2019 में यह बकाया राशि 96,963 करोड़ रुपये थी। इस पोर्टल की शुरुआत मई 2018 में हुई थी। अगस्त 2020 में कुल बकाया राशि 1,20,439 करोड़ रुपये थी, जिसे डिस्कॉम ने 45 दिनों बाद भी बिजली उत्पादकों को नहीं चुकाया था।

बिजली उत्पादन कंपनियां डिस्कॉम को भुगतान के लिए 45 दिनों का समय देती हैं, जिसके बाद उन्हें बकाए पर ब्याज देना पड़ता है। बिजली उत्पादन कंपनियों को राहत देने के लिए केंद्र ने एक अगस्त 2019 से एक भुगतान सुरक्षा तंत्र लागू किया, जिसके तहत डिस्कॉम को बिजली की आपूर्ति पाने के लिए ऋण पत्र खोलने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के मद्देनजर बकाया भुगतान करने से डिस्कॉम को कुछ छूट दी थी। सरकार ने अपने आदेश में उनका दंडात्मक शुल्क भी माफ कर दिया था।

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