मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को टिप्पणी की कि पवित्र ‘भारतभूमि’ (भारत) अब ‘दुष्कर्मियों की भूमि’ में बदल गई है, जहां हर 15 मिनट में एक दुष्कर्म होता है। अदालत वकील ए. पी. सूर्यप्रकाशम की ओर से दायर प्रवासी श्रमिक से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी। जब अधिवक्ता ने तिरुप्पूर जिले में एक असमिया प्रवासी श्रमिक के दुष्कर्म की ओर इशारा किया, तब अदालत की यह टिप्पणी सामने आई।

सूर्यप्रकाशम ने आईएएनएस को बताया, “मैंने अदालत से प्रभावित महिला को आश्रय देने और उसकी देखभाल प्रदान करने का अनुरोध किया था। इसके साथ ही मैंने पुलिस महानिदेशक को निर्देश देने की गुजारिश की थी कि वह महानिरीक्षक, कोयंबटूर के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन करें। मैंने अदालत से सरकार को निर्देश देने के लिए भी प्रार्थना की है कि वह पीड़ितों की मुआवजा योजना के तहत उसे वित्तीय सहायता प्रदान करने करें।”

अधिवक्ता की ओर से की गई सभी मांगों को स्वीकार करते हुए अदालत ने देखा कि पवित्र भूमि ‘भारतभूमि’ अब दुष्कर्मियों की भूमि बन गई है, जहां हर 15 मिनट में एक दुष्कर्म होता है। तिरुप्पूर जिले में असम की एक 22 वर्षीय प्रवासी श्रमिक के साथ छह लोगों ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया था, जिस पर अदालत में सुनवाई चल रही है।

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