नई दिल्ली (IP News). कोविड-19 महामारी के कारण यात्रा प्रतिबंधों की वजह से भारत ने आज नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारत और इंडोनेशिया के बीच कोयले पर संयुक्त कार्यकारी समूह (जेडब्लूजी) की 5वीं बैठक का सफलतापूर्वक आयोजन किया।

भारत की ओर से कोयला मंत्रालय के अपर सचिव विनोद कुमार तिवारी और इंडोनेशिया गणराज्य की ओर से इंडोनेशिया सरकार के ऊर्जा व खनिज संसाधन मंत्रालय के गैर-कर राज्य-राजस्व विभाग में खनिज और कोयला निदेशक श्री जोंसन पकपहन ने जेडब्लूजी की संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। श्री तिवारी ने भारत में कोयला क्षेत्र के वर्तमान और भविष्य के उभरते परिदृश्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के तहत देश के कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के साथ-साथ दोनों देशों में कोयला क्षेत्र में व्यवसाय बढ़ने के लिए अनिवार्य तथ्यों को रेखांकित किया।

कोयला मंत्रालय ने भारतीय कोयला-नीति सुधारों, कोकिंग कोल अन्वेषण और वाणिज्यिक खनन पर प्रस्तुति दी। इसके बाद इंडोनेशिया में कोयला नीति और कोयला व्यापार की नवीनतम तथ्यों, इंडोनेशिया के अधिक गहराई पर कोयला-क्षमता (डीप सीटेड कोल पोटेंशियल) पर इंडोनेशिया ने प्रस्तुति दी। सीएमपीडीआईएल इंडिया और एमसीआरडीसी इंडोनेशिया द्वारा तकनीकी मुद्दे प्रस्तुत किए गए और एक-दूसरे के पास उपलब्ध विशेषज्ञता पर जानकारी दी गयी। खुली चर्चा का भी आयोजन किया गया।

निवेशकों द्वारा व्यापार संबंधी मुद्दों की चर्चा के बाद, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के समन्वय में एक बी2बी सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें खुली चर्चा हुई। इस सत्र में इंडोनेशिया और भारत की सरकारों द्वारा मुद्दों के समाधान के प्रयास किये गए। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने अपने-अपने देश में उभरते व्यापारिक अवसरों को रेखांकित किया।

यह तय किया गया कि इस मंच की सीमाओं के बाहर भी चर्चाओं को आगे बढ़ाया जाएगा।

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