कोरबा (IP News). महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में स्थित मार्की मांगली- 2 कोल ब्लाॅक को भी कमर्शियल माइनिंग की नीलामी सूची से हटाने की मांग उठी है। महाराष्ट्र के पर्यटन एवं पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी को इस आशय का पत्र प्रेषित किया है।

श्री ठाकरे ने कोयला मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि मार्की मांगली- 2 कोल ब्लाॅक तिपेश्वर वाइल्डलाइफ सेंचुरी से लगा हुआ। यहां बाघ के संरक्षण का प्लान भी स्वीकृत हो चुका है। कोल ब्लाॅक के कुल क्षेत्रफल का 50 फीसदी एरिया में रिजर्व फाॅरेस्ट है।
यहां बताना होगा कि कोयला मंत्रालय द्वारा महाराष्ट्र के चन्द्रपुर जिले में स्थित बांडेर कोल ब्लाॅक का नाम नीलामी से वापस ले लिया गया है। बांडेर कोल ब्लाॅक इको सेंसेटिव जोन में स्थित था। इस कोल ब्लाॅक में 126 मिलियन टन से ज्यादा कोयला भंडारित है। जबकि मार्की मांगली- 2 कोल ब्लाॅक में 11.54 मिलियन टन का ही भंडारण है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने भी नौ में पांच कोल ब्लाॅक को घने वन क्षेत्र, जलभराव और हाथी के विचरण वाले इलाके का हवाला देकर नीलामी से हटाने की मांग रखी थी। कोयला मंत्री ने 31 जुलाई को छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान पांचो कोल ब्लाॅक ष्यांग, मोरगा-2, मोरगा साउथ, मदनपुर नार्थ, फतेहपुर ईस्ट को नीलामी से हटाने की अधिकारिक घोषणा की थी।

कमर्शियल माइनिंग के तहत नीलामी के लिए 41 कोल ब्लाॅक का चिन्हांकन किया गया था। कोल ब्लाॅक की नीलामी को लेकर झारखण्ड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका पर सुनवाई शुरू हो चुकी है। कोयला उद्योग के श्रमिक संगठन और कामगार कमर्शियल माइनिंग की मुखालफत कर रहे हैं। इसको लेकर 2 से 4 जुलाई तक तीन दिनों की हड़ताल भी की जा चुकी है। इधर, कोयला मंत्रालय ने नीलामी की प्रक्रिया को करीब दो माह के लिए आगे बढ़ा दिया है।

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