जयपुर। राजस्थान के सियासी संकट में नया मोड़ आ गया है। कांग्रेस के बाद अब भाजपा ने भी अपने विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है। राज्य के जालौर, सिरोही और उदयपुर संभाग के करीब 12 विधायकों को गुजरात के अहमदाबाद शिफ्ट किया गया है। मीडिया में चर्चा ये भी है कि भाजपा 14 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से पहले अपने विधायकों की तालांबदी भी कर सकती है।

राजस्थान की पत्रकार डॉक्टर संगीता प्रणवेंद्र ने शनिवार (8 अगस्त, 2020) को ट्वीट कर कहा कि भाजपा 14 अगस्त से पहले अपने विधायकों की तालाबंदी कर सकती है। 12 विधायकों को अहमदाबाद भेजा गया है और अन्य विधायकों को जयपुर जाने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। अहमदाबाद भेजे गए विधायक उदयुपर, पाली जालौर और सिरोही से हैं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘एक महीने से गला फाड़ के कांग्रेस को विधायकों की बाड़ेबंदी के लिए कोसने के बाद अब भाजपा ने भी अपने विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू की है। पहली खेप गुजरात गई है। दूसरी एमपी जाएगी और कुछ जयपुर रहेंगे।’

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 12 अगस्त से भाजपा विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू होगी। 11 अगस्त से होटल वगैरह तय करने का प्लान है। हालांकि भाजपा ने इन दावों को खारिज किया है। घटनाक्रम पर भाजपा राजस्थान अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एएनआई से कहा कि, ‘भाजपा के 12 विधायकों के भ्रमण पर जाने की पूरी जानकारी है। जब भी भाजपा विधायक दल की बैठक होगी वो सभी वहां मौजूद होंगे। राजस्थान भाजपा अखंड और एकजुट है। कांग्रेस हमारे विधायकों के बारे में अफवाह फैला रही है। मुख्यमंत्री निचले स्तर की राजनीति कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने राज्य में भाजपा पर सरकार गिराने का आरोप लगाते हुए सीएम गहलोत गुट के सभी विधायकों को सूर्यगढ़ होटल में शिफ्ट कर दिया था। वहीं राजस्तान में सियासी

उठापटक के बीच प्रदेश पुलिस ने स्पष्ट किया कि उसने किसी भी विधायक का फोन टैप नहीं किया है। इधर पार्टी सूत्रों ने बताया कि 11 अगस्त को बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर हाईकोर्ट का फैसला आने की उम्मीद है। ऐसे में भाजपा भी अलर्ट मोड पर है। जिसके तहत आलाकमान के निर्देश पर करीब 12 विधायकों को गुजरात शिफ्ट किया गया है। अलग-अलग जिलों में नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।

आपको बता दें कि राजस्थान सियासी संकट से पहले मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी। राज्य के कद्दावर कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए। राज्य में अब सीएम शिवराज के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार है। इससे पहले कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन वाली सरकार भी विधायकों के पाला बदलने के चलते गिर गई थी। राज्य में भी सीएम येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार है।

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