भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार संकट के दौर से गुजर रही है। मध्य प्रदेश की राजनीति में महाराज यानी ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी से बगावत के मूड में हैं। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, ज्योतिरादित्य सिंधिया विजयराजे सिंधिया के सपने को साकार कर सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया BJP में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि सोमवार को सिंधया ने पीएम मोदी से मुलाकात की है। आज बड़ा एलान होने की उम्मीद जताई जा रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को BJP की ओर से राज्यसभा का सदस्य और केंद्र में मंत्री पद दिया जा सकता है।

कांग्रेस के 20 विधायक बंगलुरु में डेरा डाल चुके हैं। बंगलुरु गए सभी विधायकों के मोबाइल स्विच ऑफ बताए जा रहे हैं। सोमवार देर रात कमलनाथ मंत्रिमंडल की बैठक में सिंधिया खेमे के छह मंत्री मौजूद नहीं थे। उन्होंने इस्तीफा भी नहीं दिया है। इससे पहले कमलनाथ अपना दिल्ली दौरा बीच में ही छोड़कर भोपाल लौट आए थे। सूत्रों के मुताबिक, दोपहर बाद सिंधिया भी दिल्ली पहुंचे और उन्होंने BJP के बड़े नेताओं से मुलाकात की।

बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से चार बार सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। जनसंघ की संस्थापक सदस्यों में रहीं राजमाता के नाम से मशहूर विजयाराजे सिंधिया चाहती थीं कि उनका पूरा परिवार भारतीय जनता पार्टी (BJP) में लौट आए। अब ज्योीतिरादित्यप उनके इस सपने को साकार करते नजर आ रहे हैं।

विधानसभा का गणित

मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। यहां 2 विधायकों का निधन हो गया है। इस तरह से विधानसभा की मौजूद विधायकों की संख्या 228 हो गई है। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। जबकि सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 115 है। कांग्रेस को 4 निर्दलीय, 2 बहुजन समाज पार्टी और एक समाजवादी पार्टी विधायक का समर्थन मिला हुआ है। इस तरह कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन है। जबकि BJP के पास 107 विधायक हैं।

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