भिलाई (IP News). यूनिवर्सल रेल मिल नित नए कीर्तिमान रचते हुए राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी निभा रहा है ! रेल उत्पादन में कीर्तिमान रचते हुए जुलाई माह में अब तक का सर्वश्रेष्ठ उत्पादन करने में कामयाब रहा। इस दौरान सर्वधिक ब्लूम्स 7811 नग (62683 टन )की रोलिंग हुई। इससे प्राइम रेल 56011 टन का उत्पादन किया गया। रेलवे को कुल 57 रेक्स की सप्लाई की गई जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ है।

बी पी सिंह कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) द्वारा नए विस्थापित कार्बाइड सॉ का रेल वेल्डिंग लाइन में उदघाटन किया गया । इस दौरान मुख्य महाप्रबंधक (यू आर एम) पी मुरुगेशन, अरविंद कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (एम एंड यू), सुनील कुमार कटारिया,मुख्य महाप्रबंधक (यांत्रिकी), एस के कर, मुख्य महाप्रबंधक (गुणवत्ता), पी के नियोगी, महाप्रबंधक प्रभारी (शॉप्स), टी रामकृष्ण ,उप महाप्रबंधक – राइटस विशेष रूप से उपस्थित थे।

कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) बी पी सिंह ने अपने उदबोधन में रेल बिरादरी को बधाई दी और कहा की आपके द्वारा दिन प्रतिदिन किए गए नए-नए मोडिफिकेशंस के कारण ही आज हम इस स्तर पर पहुंच सके हैं। प्रबंधन को आपसे बहुत ज्यादा उम्मीद है व प्रत्येक विभाग हर प्रकार का सहयोग करने के लिए आतुर है। कोविड-19 के इस कठिन दौर में यूनिवर्सल रेल मिलने अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाई है। इसके लिए उन्होंने यहां के कर्मचारियों व अधिकारियों को बधाई दी।

मुख्य महाप्रबंधक (यू आर एम) पी मुरुगेशन ने उपस्थित अतिथियों को यूनिवर्सल रेल मिल की कार्य प्रणाली व वर्तमान में किये गए सृजनशील कार्यों के बारे में विस्तार से बताया । रेल के उत्पादन में जितना महत्व उच्च गुणवत्ता की रोलिंग करना है वहीं यह भी जरूरी है की उसी दर से रेल का निरिक्षण हो व उसे वेल्डिंग कर 260 मीटर का पैनल बना कर रैक में लोड किया जाये । ‌मिल की क्षमता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह नए-नए प्रकार के मॉडिफिकेशन का नतीजा है जिससे की मिल की क्षमता जो प्रति घंटे मात्र 14 ब्लूम रोल कर पाती थी बढ़कर 23 ब्लूम प्रति घंटा की हो गई है। अब यह जरूरी हो गया कि जिस रफ्तार से रेल की रोलिंग कर रहे हैं उसी रफ्तार से हम इसकी फिनिशिंग भी करें जिसमें राइट्स की अहम भूमिका रहती है। रामप्रसाद महाप्रबंधक (प्रचालन ) ने इस बात की जिम्मेदारी ली कि वह उच्च गुणवत्ता की रेल की रोलिंग करेंगे और इसी कारण राइट्स ने भी प्रत्येक शिफ्ट का टारगेट 80 रेल से बढ़ाकर 100 से 120 रेल करना चालू कर दिया है।

विदित हो कि मिल में 130 मीटर की रेल की रोलिंग होती है इसमें अलग-अलग प्रकार के इंस्पेक्शन के बाद अलग-अलग लंबाई में रेल मिलती है। इन रेलों को बाद में वेल्डिंग लाइन में ले जाकर जोड़ा जाता है और 260 मीटर के पैनल तैयार किए जाते हैं ।यह पैनल रेलवे के विशेष प्रकार के रेक में लोड किया जाता है । इसलिए अगर एक भी मशीन में खराबी आ जाए या उत्पादन कम हो जाए तो इससे यूनिवर्सल रेल मिल का उत्पादन प्रभावित होता है ।जैसे-जैसे मिल का उत्पादन बढ़ाते जा रहे थे तो यह महसूस किया गया की रेल वेल्डिंग लाइन में कुछ दिक्कतें आ रही हैं ।

इनमे प्रमुखता से वेल्डिंग किए हुए जॉइंट का फेल होना था। यदि कोई रेल जॉइंट फेल हो जाता है तो उसको फिर बैनड सॉ की मदद से काटा जाता था और इस प्रकार कुल 30 से 40 मिनट वेल्डिंग लाइन का कार्य प्रभावित हो जाता था । यह अपने आप में एक बहुत बड़ी समस्या थी क्योंकि रेल वेल्डिंग लाइन का काम रुक जाने से पीछे फिनिशिंग व इंस्पेक्शन का काम भी बंद हो जाता था । यूनिवर्सल रेल मिल के अधिकारी व कर्मचारियों ने मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढा और यह सुझाव दिया की एनडीटी के बाद में लगे हुए कार्बाइड सॉ अभी उपयोग में नहीं है तो इसे विस्थापित कर रेल वेल्डिंग प्लांट में लगाया जाए ताकि जब भी कोई जॉइंट फेल हो तो उसे कार्बाइड सॉ की मदद से बहुत ही कम समय में मात्र 2 मिनट में रेल को काट दिया जाए ।

इस अत्यंत जटिल कार्य को आंतरिक संसाधनों की मदद से 2 माह की अल्प अवधि में महाप्रबंधक श्री प्रकाश भोंड़ेकर के नेतृत्व में यांत्रिकी के श्री भास्कर रॉय , विद्युत विभाग के श्री अनीश सेनगुप्ता , रंजीत पाल , हाईडृॉलिक्स के वीरेंद्र कुमार ने किया । बिल्डिंग में पहुचने का मार्ग नहीं होने से छत में छेद किया गया और ओमेगा क्रेन की मदद से कार्बाइड सॉ को बिठाया गया । इलेक्ट्रिकल व हाईड्रालिक्स ग्रुप ने सारे कनेक्शन को खोल कर पुनः नए स्थान पर लगा दिया।

सिविल विभाग के राकेश पाण्डेय द्वारा मशीन के लिए उपयुक्त फाउंडेशन का निर्माण किया गया ।इन्कास व सीएनआईटी की मदद से मशीन को ऑनलाइन सर्किट में लिया गया। अब रेल जॉइंट के निरीक्षण में फेल होने की स्थिति में जॉइंट को कार्बाइड सॉ से काटने का कार्य बहुत ही त्वरित गति से किया जा सकता है। इसी प्रकार रेल जॉइंट टेस्टिंग के लिए जॉइंट का टी एल टी टेस्टिंग किया जाता है। वर्तमान में जॉइंट सैंपल काटने हेतु उत्पादन रोककर सैंपल काटा जाता है। विभाग द्वारा वेल्डिंग मशीन के पास ही सैंपल बनाने एवं पहुँचाने हेतु अलग से रेल स्टैंड एवं क्रेन की व्यवस्था की गई है। इस प्रकार उत्पादन प्रभावित किये बिना ही सैंपल काटकर टेस्टिंग संभव हो गया है. प्रतिमाह लगभग 300 नग 260 मीटर के रेल पेनल का अतिरिक्त उत्पादन बढ़ाने में सहायक होगा।

इस कार्य के सफलतापूर्वक निष्पादन में महाप्रबंधक संजय कुमार, विशाल गुप्ता, उप महाप्रबंधक डी के साहू, देबेन्द्र नाथ बेहेरा, सहायक महाप्रबंधक आनंद खूबचंदानी, विक्रम सिंह, तिजो कुरिकोस, पलविंदर सिंह, सुरेश कुमार ने अतिरिक्त योगदान दिया।

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