रांची (IP News). गुरुवार को केन्द्रीय कोयला मंत्री श्री जोशी से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोयला खदानों के लिए अधिग्रहित की गई सरकारी जमीन के भुगतान का मुद्दा उठाया।

श्री सोरेन ने कोयला मंत्री को बताया कि 1 अप्रेल, 2009 से 3 मार्च, 2019 के बीच कोल इंडिया द्वारा 14296 एकड़ सरकारी भूमि का अधिग्रहण किया गया। इस अधिग्रहण क एवज में राज्य को 5439 करोड़ का भुगतान किया जाना था। इसी तरह 5298 एकड़ जंगल-झाड़ी भूमि खदान के लिए ली गई। इस भूमि का 2787 करोड़ रुपए बकाया है। कोयला मंत्री श्री जोशी ने मुख्यमंत्री को 250 करोड़ रुपए का चेक जारी किया और कहा कि शेष राशि का भुगतान सत्यापन के बाद किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कोल कंपनियों द्वारा धुले हुए कोयले की बिक्री दर के आधार पर रायल्टी का भुगतान नहीं करने का मुद्दा भी उठाया। कोयला मंत्री के समक्ष भूविस्थापितों की समस्याएं भी रखी गईं। चर्चा के दौरान केन्द्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा, कोल सेके्रटरी अनिल जैन, सीआईएल के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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