नई दिल्ली, 25 मई। कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) के 28 कोल प्रोजेक्ट्स माइन डेवलपर सह ऑपरेटर (mine developer cum operator) के हाथों में होंगे। इनमें छह से कोयला उत्पादन भी प्रारंभ हो चुका है।
यहां बताना होगा कि कोयला मंत्रालय (Ministry of Coal) एमडीओ (MDO) पर तेजी से काम कर रहा है। कोयला मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार फेज- 1 में 172.67 मिलियन टन (MT) क्षमता वालीं 15 कोल प्रोजेक्ट्स का चिन्हांकन एमडीओ के लिए किया गया है। फेज- 1 के 15 कोल प्रोजेक्ट्स में 6 से उत्पादन शुरू हो चुका है।
दूसरे फेज के लिए 13 कोल प्रोजेक्ट्स चिन्हांकित किए गए हैं। इन 13 कोयला खदानों की क्ष्मता 80.62 मिलियन टन की है। अब तक एमडीओ को सौंपे गए छह कोल प्रोजेक्ट्स प्रचालन में आ चुके हैं और तीन को लेटर ऑफ अवार्ड जारी किया गया है।
कोयला मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार एमडीओ को आंबटित कोयला खदानों में 30 हजार करोड़ का निवेश हुआ है। मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में यह नहीं बताया है कि कोयला खदानें एमडीओ के हाथों में जाने के बाद कितनी संख्या में रोजगार सृजित हुआ है।
जानकारों के अनुसार सबसे गंभीर बात यह है कि एमडीओ यानी निजी कंपनी के हाथों में कोल प्रोजेक्ट्स जाने के बाद यहां आर एंड आर पॉलिसी लागू नहीं होगी।