नई दिल्ली, 19 फरवरी। सोमवार को बीएमएस से सम्बद्ध अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ (ABKMS) और कोल इंडिया (CIL) प्रबंधन के बीच वार्ता हुई।

संघ ने 18 बिन्दुओं का मांग पत्र सीआईएल प्रबंधन को सौंपा था और कोलकाता स्थित मुख्यालय के समक्ष 23 फरवरी को धरना प्रदर्शन का ऐलान किया था। धरना प्रदर्शन की घोषणा पर सीआईएल प्रबंधन ने संघ को चर्चा के लिए बुलाया। चर्चा के बाद धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया।

वार्ता में कोल इंडिया चेयरमैन पीएम प्रसाद, चेयरमैन के तकनीकी सचिव आलोक ललित कुमार, जीएम पीएंडआइआर गौतम बनर्जी, डीपी के तकनीकी सचिव अजीत पोनन्ना, पर्सनल मैनजर रोहित कुमार पांडेय उपस्थित थे। अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के अध्यक्ष टिकेश्वर सिंह राठौर, महामंत्री सुधीरघुरडे आदि मौजूद रहे।

इन बिन्दुओं पर हुई वार्ता

संघ : ठेका मजदूरों की बायोमेट्रिक हाजरी की व्यवस्था की जाए।
प्रबंधन : ठेका मजदूरों की बायोमेट्रिक हाजरी की व्यवस्था के लिए उचित कार्यवाही की जाएगी।

संघ : ठेकेदार बदलने पर श्रमिकों को निकाला जाता है। इस पर पूरी तरह रोक लगाते हुए काम की सुरक्षा प्रदान की जाए।
प्रबंधन : विषय की समीक्षा कर नियमानुसार उचित कार्यवाही की जाएगी।

संघ : भूमिगत एवं ओपन कास्ट में सीसीटीवी कैमरा स्थापित किया जाए।
प्रबंधन : सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था सीआईएल की कुछ अनुषंगी कंपनियों में है। अन्य में सीसीटीवी कैमरे की उपलब्धता के लिए सुनिश्चित की जाएगी।

संघ : नॉन- माइनिंग कार्य में लगाए गए ठेका मजदूर (कॉलोनी मेंटेनेंस, सिक्योरिटी, गेस्ट हाउस, ड्राइवर, हॉस्पिटल, सिविल वर्क, सफाई कामगार इत्यादि) को एचपीसी वेजेस में समाहित किया जाए।
प्रबंधन : एचपीसी वेजेज माइनिंग कार्य में लगे ठेका श्रमिकों के लिए है। अतः उक्त विषय पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

संघ : ठेका मजदूरों को पीएलआर के तहत दशहरा के पूर्व हर साल कम से कम एक माह का वेतन भुगतान किया जाए।
प्रबंधन : उक्त विषय पर गठित समिति की अनुशंसा के बाद निर्णय लिया जाएगा। समिति से निवेदन किया जाएगा कि अपनी अनुशंसा प्रस्तुत करे।

संघ : ठेका मजदूरों को कंपनी के रिक्त आवास आबंटित किया जाए।
प्रबंधन : इस संबंध में एक समिति का गठन किया गया है। समिति की बैठक जल्द की जाएगी।

संघ : ठेका श्रम अधिनियम 1970 के प्रावधानों के उल्लंघन पर ठेका श्रमिकों को नियमित करने का प्रावधान किया जाए। प्रमुख नियोक्ता को अधिक उत्तरदायित्व माना जाए।
प्रबंधन : ठेका श्रमिकों का कंपनी मे नियोजन करना संभव नहीं है। हालांकि ठेका श्रम अधिनियम 1970 के प्रावधानों का पालन किया जाएगा।

संघ : ठेका श्रमिकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसकी भर्ती (नियुक्ति) के लिए अधिनियम में संशोधन किया जाए।
प्रबंधन : अधिनियम में संशोधन के संदर्भ में प्रबंधन कोई वक्तव्य देने में असमर्थ है।

संघ : ठेका श्रमिकों के लिए 8 घंटे काम सुनिश्चित कर ज्यादा कार्य किए घंटे का ओवर टाइम भुगतान किया जाए।
प्रबंधन : विषय की समीक्षा कर नियमानुसार उचित कार्यवाही की जाएगी।

संघ : सामाजिक सुरक्षा (सीएमपीएफ, पेंशन ग्रेच्युटी, ग्रुप इंश्योरेंस) प्रदान कर ठेका श्रमिक एवं परिजनों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए।
प्रबंधन : उक्त विषय पर अनुषंगी ईकाइयों से जानकारी लेकर उचित कार्यवाही की जाएगी।

संघ : ठेका वर्क आर्डर और ठेका लाइसेंस का पूरी तरह अनुपालन किया जाए।
प्रबंधन : नियमानुसार उचित कार्यवाही की जाएगी।

संघ : कार्यरत ठेका मजदूरों को ठेकेदार और कंपनी के अधिकृत अधिकारियों का हस्ताक्षरयुक्त पहचान पत्र दिया जाए।
प्रबंधन : कंपनी के अधिकृत अधिकारियों के हस्ताक्षर युक्त पहचान पत्र प्रदान नहीं किए जा सकते, परंतु अधिनियमानुसार इंप्लाइमेंट कार्ड प्रदान करने के लिए उचित कार्यवाही की जाएगी।

संघ : ठेका मजदूरों को आईएमई और वीटीसी प्रशिक्षण के पश्चात ही कार्य पर लगाया जाए। नियमानुसार पीएमई किया जाय।
प्रबंधन : उक्त विषय पर अनुषंगी ईकाइयों से जानकारी लेकर उचित कार्यवाही की जाएगी।

संघ : ठेका मजदूरों को सुरक्षा नियमावली के तहत सुरक्षित कार्य प्रणाली को समय- समय अद्यतन करते हुए उसकी जानकारी एवं परिक्षण किया जाए।
प्रबंधन : उक्त विषय पर सहमति व्यक्त की जाती है।

संघ : कंपनी नियमानुसार आकस्मिक बीमारी एवं आर्थिक अवकाश प्रदान किया जाए।
प्रबंधन : विषय की समीक्षा कर नियमानुसार उचित कार्यवाही की जाएगी।

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