नई दिल्ली, 17 सितम्बर। कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMOAI Apex Body) ने बीएमएस के कोल प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया है। निराधार और असत्य बयानबाजी के लिए रेड्डी से माफी की मांग की गई है। रविवार की शाम सीएमओएआई ने एक प्रेस बयान जारी किया, लेकिन इसमें लक्ष्मा रेड्डी के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है। सीएमओएआई ने कुटुम्ब ऐप पर रेड्डी के नाम के साथ उनके बयान की निंदा की है।

यहां बताना होगा कि भारतीय मजदूर संघ (BMS) के कोल प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी ने छत्तीसगढ़ के विश्रामपुर में स्थानीय मीडिया से चर्चा के दौरान सीएमओएआई पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि सीएमओएआई और इसके लोग एनसीडब्ल्यूए- XI में विघ्न डालकर औद्योगिक शांति भंग करने का प्रयास कर रहे हैं। रविवार को बीएमएस कोल प्रभारी रेड्डी के बयान को industrialpunch.com ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने प्रेस नेट जारी किया। देखें पूरा प्रेस नोट :

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भारत सरकार के लोक उद्यम विभाग (DPE) द्वारा जारी कार्यालय आदेश दिनांक 24.11.2017 का एनसीडब्ल्यूए- X एवं XI को लागू करते समय सही तरीके से पालन नही होने के कारण कोल इंडिया लिमिटेड एवं सिंगरेनी कालरीज कम्पनी लिमिटेड में कार्यरत लगभग 18000 अधिकारियों के लिये वेतन विसंगति एवं वेतन संघर्ष की स्थिति जुलाई 2016 से लगातार बनी हुई है। उपरोक्त वेतन विसंगति एवं वेतन संघर्ष को ठीक कराने हेतु कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया पिछले कई वर्षों से शान्तिपूर्ण तरीके से निरंतर प्रयत्नशील है।

उपरोक्त वेतन विसंगति के संदर्भ मे उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर एक याचिका में न्यायाधीश द्वारा दिए गए निर्णय के परिप्रेक्ष्य में कोयला उद्योग के श्रमिक संगठन प्रतिनिधियों द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जारी किये गये संयुक्त संदेश में अधिकारियों के प्रति व्यक्त असहयोग, भेदभाव एवं विरोध तथ्यहीन, निराधार एवं असत्य है।

उपरोक्त संदेश में प्रयुक्त भाषा एवं उसकी भावना अत्यन्त हास्यास्पद, अनपेक्षित एवं अवांछनीय है। कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया सदैव औद्योगिक शांति एवं सौहार्दपूर्ण संबंध बरकरार रखने में विश्वास करता है। इसलिए कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया औद्योगिक शांति एवं सौहार्दपूर्ण संबंध बरकरार रखने एवं अपने सम्मानित अधिकारियों के मान व मनोबल को हद रखने हेतु निम्नलिखित तथ्यों के साथ संदेश जारी कर रहा है :

  • कोल इंडिया लिमिटेड एवं सिंगरेनी कालरीज कम्पनी लिमिटेड मे कार्यरत समस्त सम्मानित अधिकारियों के हितों की रक्षा एवं उनके जायज मांगो की पूर्ति हेतु कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया सतत प्रयत्नशील है। इस कड़ी में सीएमओएआई के पदाधिकारी कोयला मंत्रालय एवं कोल इंडिया लिमिटेड प्रबंधन के साथ निरंतर सम्पर्क में हैं।
  • यद्यपि अधिकारियों के वेतन विसंगति एवं वेतन संघर्ष का प्रकरण बहुत अर्से से लंबित है, जिसके समाधान हेतु सीएमओएआई द्वारा कोयला मंत्रालय एवं कोल इंडिया प्रबंधन के साथ पूर्व मे किये गये पत्राचार अथवा औपचारिक मुलाकात मे अधिकारियों के लंबित जायज समस्याओं के समाधान के साथ- साथ कोयला कर्मियों के लिये गठित एनसीडब्ल्यूए- XI का सहर्ष स्वागत ही किया है।
  • कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण पश्चात पिछले 48 वर्षों मे देश की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ कोयला उद्योग के विकास में अधिकारियों एवं श्रमिकों ने सौहार्दपूर्ण वातावरण मे संगठित रूप से अपना अपना भरपूर योगदान दिया है।
  • सीएमओएआई अधिकारियों का एकमात्र संगठन है जो पिछले 50 वर्षों से अधिकारियों के वेतन, भत्ता एवं अन्य कल्याणकारी सुविधाओं का समाधान संबंधित स्तर पर द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से कराता रहा है। राष्ट्र की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति एवं कोयला उद्योग के उत्थान के साथ-साथ अपने सम्मानित सदस्यों/अधिकारियों की समस्त समस्याओं का समाधान सदैव वार्ता के माध्यम से ही सम्भव हुआ है और सीएमओएआई इसी सिद्धांत में विश्वास भी रखता है।
  • कोल इंडिया प्रबंधन के साथ सीएमओएआई (अपेक्स) की हुई औपचारिक बैठक दिनांक 28.04.2023 एवं 18.07.2023 मे अधिकारियों के वेतन विसंगति एवं वेतन संघर्ष के मुद्दे पर हुई चर्चा मे प्रबंधन ने भारत सरकार के लोक उद्यम विभाग द्वारा जारी कार्यालय आदेश दिनांक 24.11.2017 के उल्लंघन के रूप मे कभी स्वीकार नहीं किया है अपितु अन्य महारत्न सीपीएसई के समतुल्य उच्च वेतनमान को लागू कराने हेतु त्वरित कार्रवाई करते हुए आवश्यक प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए इसको लागू कराने हेतु यथासम्भव प्रयत्न किया है और पूर्ण उम्मीद है कि कोयला मंत्रालय एवं कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा इसको लागू करने का अंतिम निर्णय अतिशीघ्र ले लिया जाएगा।
  • संविधान एवं न्यायालय को सर्वापरि रखते हुए अधिकारियों के वेतन विसंगति एवं वेतन संघर्ष के मामले में उच्च न्यायालय जबलपुर मे दायर याचिका के संदर्भ मे न्यायाधीश द्वारा दिए गए निर्णय का सम्मान करना प्रत्येक नागरिक की दायित्व के साथ बाध्यता भी है। न्यायालयीन प्रक्रिया की परिधि में विधिसम्मत निर्णय के परिप्रेक्ष्य में औद्योगिक शांति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाये रखना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
  • न्यायालयीन प्रक्रिया के कारण उत्पन्न स्थिती में कोयला उद्योग के श्रमिक संगठनों के जिम्मेदार पदाधिकारी द्वारा कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया एवं अधिकारियों के प्रति नकारात्मक बयानबाजी पूरी तरह से तथ्यहीन, निराधार एवं असत्य है। इस प्रकार के अनपेक्षित एवं अवांछनीय बयानबाजी के कारण औद्योगिक शांति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण भंग हो सकती है जिसके लिये श्रमिक संगठन के उपरोक्त पदाधिकारी ही जिम्मेदार होंगे। श्रमिक संगठन के जिम्मेदार पदाधिकारी द्वारा दिए जा रहे निराधार एवं असत्य बयानबाजी के लिए माफी मांगनी चाहिए। कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया इस तरह की निराधार, असत्य एवं बयानबाजी की कड़ी निंदा करती है।
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