नई दिल्ली, 19 दिसम्बर। कोल ब्लॉक्स से मिलने वाली अतिरिक्त लेवी (करारोपण) की राशि राज्यों को नहीं मिलेगी। केन्द्र सरकार ने लिखित तौर पर इसे स्पष्ट किया है।

छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने राज्यसभा में इससे संबंधित सवाल उठाया था। श्री शुक्ला ने कोल ब्लॉक्स से एकत्र की गई अतिरिक्त करारोपण की जानकारी मांगी थी और पूछा था कि छत्तीसगढ़ राज्य को इसके हिस्से की चार हजार करोड़ रुपए की राशि कब दी जाएगी।

केन्दीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने लिखित जवाब में बताया कि कोयला ब्लॉकों से अतिरिक्त लेवी के रूप में कुल 6967.30 करोड़ रुपए एकत्र किए गए हैं।

कोयला मंत्री ने बताया कि वित्त मंत्रालय और विधि एवं न्याय मंत्रालय के परामर्श से केंद्र सरकार या संबंधित राज्य सरकार को मिलने वाली अतिरिक्त लेवी के मुद्दे की जांच की गई। इस मामले में विधि कार्य विभाग, विधि एवं न्याय मंत्रालय से विद्वान अपर सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) की राय प्राप्त करने का अनुरोध किया गया था। भारत के विद्वान एएसजी ने राय दी है कि यह राशि राज्य सरकारों को नहीं मिलेगी। तथापि, इस दौरान, छत्तीसगढ़ सरकार ने माननीय उच्चतम न्यायालय में भारत के संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत 2021 की मूल वाद संख्या 5 दायर किया है।

यहां बताना होगा कि छत्तीसगढ़ में स्थित छह कोल ब्लॉक से केन्द्र सरकार ने कुल 4024.38 करोड़ रुपए एकत्र किए हैं। राज्य सरकार द्वारा इस अतिरिक्त लेवी की मांग की जा रही है। राज्य सरकार का कहना है कि अतिरिक्त लेवी की धनराशि पर उसका हक है।

छत्तीसगढ़ के इन कोल ब्लॉक्स से केन्द्र को मिली है 4024.38 करोड़ रुपए की अतिरिक्त लेवी :

1. चोटिया (प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड) – 249.06 करोड़
2. गारे पल्मा IV/1 (जेसीपीएल) – 2082.23 करोड़
3. गारे पल्मा IV/2 & IV/3 (जिंदल पॉवर लिमिटेड) – 1185.20 करोड़
4. गारे पल्मा IV/7 (शारदा एनर्जी एंड मिनरल्स लि.) – 112.63 करोड़
5. गारे पल्मा IV/5 (मोनेट इस्पात एवं ऊर्जा लि.) – 252.91 करोड़
6. गारे पल्मा IV/4 (जायसवाल नेको इंडस्ट्रीज) – 112.35 करोड़

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