CIL चेयरमैन ने डरा दिया, 50 % MGB मांगा तो इन कंपनियों में हो जाएगी तालाबंदी!, यूनियन को करनी होगी जोरदार मशक्कत

प्रबंधन 50 प्रतिशत मिनिमम गारंटी बेनिफिट (MGB) पर चर्चा नहीं करना चाहता। चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने यूनियन के समक्ष वित्तीय संकट का रोना रोया और कहा कि 50 फीसदी एमजीबी से 18 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा।

नई दिल्ली, 16 नवम्बर। नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट- XI के लिए गठित ज्वाइंट बाइपराइट कमेटी ऑफ कोल इंडस्ट्रीज (JBCCI) की द्वितीय बैठक में भी कोयला कामगारों के वेतन समझौते को लेकर किसी सार्थक चर्चा की शुरुआत नहीं हो सकी। इस बैठक ने सीआईएल प्रबंधन की मंशा को भी जाहिर कर दिया है।

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प्रबंधन 50 प्रतिशत मिनिमम गारंटी बेनिफिट (MGB) पर चर्चा नहीं करना चाहता। चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने यूनियन के समक्ष वित्तीय संकट का रोना रोया और कहा कि 50 फीसदी एमजीबी से 18 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा।
सीआईएल चेयरमैन ने इस बैठक के जरिए यूनियन और कोयला कामगारों के भीतर भय उत्पन्न करने का भी काम किया है। श्री अग्रवाल ने कहा बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल जैसी कंपनियों की स्थिति ठीक नहीं है। 50 प्रतिशत वेतन वृद्धि कर दी तो इन कंपनियों में तालाबंदी की नौबत आ जाएगी।

यहां बताना होगा कि सीआईएल चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने अगस्त में यह साफ कर दिया था कि प्रबंधन किसी भी स्थिति में 50 फीसदी वेतन बढ़ोतरी के लिए न तैयार है न ही चर्चा करेगा। चेयरमैन ने कहा था कि 10 फीसदी भी वेतन वृद्धि की जाए तो पांच हजार करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। जेबीसीसीआई की द्वितीय बैठक से यह स्पष्ट भी हो गया।

दरअसल प्रबंधन कुछ और चाहता है और यही कारण है कि 10 वर्षों के लिए वेतन समझौते का प्रस्ताव रखा गया। साथ ही एमजीबी, सामाजिक सुरक्षा, सीपीआरएस, भत्ते आदि के लिए पृथक- पृथक सब कमेटियां गठित करने की बात कही गई। प्रबंधन का यह प्रस्ताव जाहिर करता है कि वो अपनी मंशा के अनुरूप वेतन सहित अन्य सुविधाओं को अंजाम देना चाहता है। हालांकि यूनियन ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और कहा कि उनके द्वारा सौंपे गए कॉमन चार्टर ऑफ डिमांड पर ही चर्चा होगी। बहरहाल देखना होगा कि जेबीसीसीआई- XI की तृतीय बैठक होने तक प्रबंधन और क्या गुल खिलाता है और इससे निपटने यूनियन क्या तैयारी करता है।

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सीटू नेता रामानंदन के इस गणित को फिर समझना होगा

सीटू नेता व जेबीसीसीआई सदस्य डीडी रामानंदन ने इंड से चर्चा करते हुए कहा था कि बहुत सोच समझकर 50 फीसदी वेतन वृद्धि की मांग रखी गई है। वेतन समझौता पांच वर्षों के लिए होता है। आने वाले पांच सालों में सीआईएल ने कोयला उत्पादन का लक्ष्य दोगुना रखा है। वर्ष 2023- 24 तक 1149 मिलियन टन और 2025- 2026 तक 1400 मिलियन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य तय किया गया है। जबकि इस दौरान पूरे कोल इंडिया में 59 हजार 287 कामगार सेवानिवृत्त हो जाएंगे। कंपनी एम्प्लाइज बेनिफिट व्यय घटेगा। इस साल इसमें 600 करोड़ रुपए की कमी आई है।
कंपनी का निर्धारित लक्ष्य के हिसाब से अनुमानित मुनाफा एक लाख 29 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। यूनियन ने 50 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी की ही मांग रखी है, जबकि उत्पादन लक्ष्य दोगुना होने जा रहा है।

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