कोरबा (IP News). कोल इंडिया लिमिटेड के कंट्रीब्यूटरी पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकल स्कीम (सीपीआरएमएस-एनई) ट्रस्टी बोर्ड का खाता एसबीआई में खोला जाएगा। हितग्राहियों के बिल एक एरिया से यूनिट और यूनिट से एरिया में भेजे जाने की प्रक्रिया बंद होगी। सभी बिल एक स्थान पर एकत्र किए जाएंगे और वहीं सेे इनका भुगतान किया जाएगा। बिलों का भुगतान समय पर हो, इस पर जोर दिया गया है।

मंगलवार को कंट्रीब्यूटरी पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकल स्कीम (सीपीआरएमएस-एनई) के बोर्ड आफ ट्रस्टी की पहली बैठक हुई। इसका आयोजन वर्चुअल तरीके से किया गया। ट्रस्ट में बतौर सलाहकार महाप्रबंधक वित्त को भी शामिल किया गया है।

बोर्ड आफ ट्रस्ट के यूनियन प्रतिनिधि वीएम मनोहर ने जानकारी देते हुए बताया कि एक कोऑर्डिनेटर स्टील बनेगा जिसमें डॉक्टर, क्लर्क और पैरामेडिकल स्टाफ रहेंगे, जिससे समय पर भुगतान सुनिश्चित हो सके।

बैठक में बात उठी कि किसी कर्मी ने एक बार पैसा जमा कर दिया और उसकी मृत्यु हो जाती है तथा पत्नी को नौकरी मिलती है। फिर पत्नी को भी पैसा जमा करना पड़ता है। इस पर कहा गया कि यह योजना मेडिक्लेम पॉलिसी है, इसमें आपने भुगतान लिया या नहीं लिया मृत्यु हो जाने के बाद वह पॉलिसी स्वतः ही समाप्त हो जाती है। फिर नए लोग को नई पॉलिसी लेनी होती है।

बैठक में इस पर चर्चा हुई कि रिटायरमेंट के दिन सीपीआरएमएस गोल्डन कार्ड मिल जाना चाहिए। कार्ड जारी करने के लिए 6 माह पूर्व से ही प्रक्रिया प्रारंभ कर देना चाहिए।

श्री मनोहर ने बताया कि एसईसीएल में परंपरा चल रही है कि आवास छोड़ने के बाद ही सीपीआरएमएस गोल्डन कार्ड दिया जाता है। यह गलत है, पूरे कोल इंडिया में एक नियम होना चाहिए और सेवानिवृत्ति के दिन ही कार्ड जारी हो जाना चाहिए।

बैठक में इस पर भी चर्चा हुई कि ओपीडी में पति- पत्नी को 25000 – 25000 रुपए सालाना भुगतान मिलता है। यदि दोनों में से किसी एक के इलाज खर्च ज्यादा हो जाता है और किसी एक का बिल्कुल ही नहीं होता तो ऐसी परिस्थिति में उसे क्लब करके 50000 रुपए का भुगतान किया जाना चाहिए। श्री मनोहर ने बताया कि कोविड-19 को गंभीर बीमारी की श्रेणी में शामिल करने पर जल्द ही विचार किया जाएगा, लेकिन इसके लिए पहले फंड को अंतिम रूप देना होगा।

बैठक में इस पर चर्चा हुई कि 31 मार्च, 2021 तक पूर्व में सेवानिवृत्त कामगारों के निबंधन की तिथि को समिति ने बंद कर दिया है। 2014 में जब योजना शुरू हुई थी, उस समय जिन्होंने निबंधन करवाया था और 40000 रुपए का पूर्ण भुगतान नहीं किया है उन्हें या तो पुरानी योजना के तहत मेडिक्लेम का लाभ दिया जाए या फिर उनसे 40,000 पूरा कर नई योजना के तहत उन्हें शामिल किया जाए।

बैठक में ट्रस्टी बोर्ड के सदस्य के रूप में निदेशक पी एंड आईआर सीआईएल एसएन तिवारी, निदेशक वित्त सीआईएल संजीव सोनी, निदेशक कार्मिक ईसीएल विनय रंजन, निदेशक कार्मिक केशव राव सहित बोर्ड में यूनियन प्रतिनिधि सदस्य के तौर पर बीएमएस से राजीव रंजन सिंह, एचएमएस से शंकर प्रसाद बेहरा, एटक से अशोक चन्द्र यादव, सीटू से वीएम मनोहर सम्मिलित हुए।

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