नई दिल्ली, 25 मार्च। कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते का मामला लटकता नजर आ रहा है। दरअसल 19 फीसदी एमजीबी से कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन में विसंगति की स्थिति निर्मित हो रही है। इसको लेकर कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMOAI) ने आपत्ति दर्ज कराई है।

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सीएमओएआई के पदाधिकारियों ने 20 मार्च को कोल सेकेटरी अमृतलाल मीणा के साथ मीटिंग की थी। इस मीटिंग में सीएमओएआई ने पीपीटी के जरिए 11वें वेतन समझौते से निर्मित हो रहे वेतन विवाद के कारण को रखा था। पीपीटी में एग्जीक्यूटीव एवं एनसीडब्ल्सयू के फिटमेंट के प्रतिशत को दर्शाया गया। एग्जीक्यूटीव एवं नॉन एग्जीक्यूटीव के वीडीए तथा अनुपात की स्थिति को बताया गया। कामगार और अधिकारी वर्ग के वेतन में बन रहे सकल अंतर को चार्ट के जरिए बताया गया है।

सीएमओएआई के अध्यक्ष डीएन सिंह ने industrialpunch.com से चर्चा करते हुए कहा कि उनका संगठन कामगारों को 19 फीसदी एमजीबी देने का विरोध नहीं कर रहा है। हम NCWA- XI के कारण कामगार और अधिकारी वर्ग के वेतन में जो विसंगति की स्थिति निर्मित हो रही है, उसकी बात कर रहे हैं। वेतन समझौते में डीपीई की गाइडलाइन का ध्यान रखा जाना चाहिए। अन्यथा एग्जीक्यूटिव वर्ग के वेतन को कंपेंसेट करना होगा।

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डीएन सिंह ने बताया कि कोल सेक्रेटरी श्री मीणा ने वेतन विसंगति का परीक्षण कराए जाने कहा है। इसके लिए कोल इंडिया प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं।

देखें सीएमओएआई द्वारा वेतन विसंगति को लेकर कोल सेक्रेटरी के समक्ष प्रस्तुत विवरण :

 

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