कोरबा (IP News). मंहगाई भत्ता (DA) फ्रिज करने की साजिश के खिलाफ एसईसीएल क्षेत्र में भी सीटू ने कोल इंडिया प्रबंधन का पुतला दहन कर विरोध दर्ज कराया। एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र में सीटू के वरिष्ठ नेता वीएम मनोहर के नेतृत्व में पुतला फूंका गया। डीए फ्रिज करने की साजिश के खिलाफ कोयला उद्योग में सीटू द्वारा विरोध शुरू किया गया है। आज सुबह सीसीएल के अरगड्डा एरिया के रेलिगड़ा कोलियरी में भी कोल इंडिया प्रबंधन का पुतला फूंका गया।

यहां बताना होगा कि केन्द्रीय कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता एक साल के लिए फ्रिज करने का आदेश जारी किया गया है। डिपार्टमेंट आॅफ पब्लिक इंटरप्राइजेस (DPE) ने 19 नवम्बर, 2020 को आदेश जारी कर सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकारियों और नन यूनिनाइज्ड सुपरवाइजर्स के डीए पर 01 अक्टूबर, 2020 से रोक लगा दी है। यह आदेश उन अधिकारी, सुपरवाइजर पर लागू होगा जिनका वेतन पुनर्रीक्षण पे रिवीजन कमेटी (PRC) की सिफारिशों पर होता है। इसके दायरे में कोल कामगार नहीं आते हैं, लेकिन कोल इंडिया के अधिकारियों का वेतन निर्धारण पीआरसी की सिफारिशों पर ही होता है। सीटू के अनुसार कोल इंडिया ने डीपीई को पत्र लिखकर कोयला कामगारों के मंहगाई भत्ते पर रोक लगाने अनुमति मांगी है। जबकि कोयला कामगारों के वेतन का निर्धारण जेबीसीसीआई करती है।

दूसरी ओर बताया गया है कि कोल इंडिया प्रबंधन ने डीपीई के पत्र पर स्पष्टीकरण मांगते हुए कोल मंत्रालय को एक दिसंबर को पत्र लिखा है। कोल मंत्रालय ने उक्त पत्र को डीओपीटी भेज दिया है। सीटू ने इस पूरे मामले को एक साजिश करार दिया है। सीटू का कहना है कि कोल इंडिया इसी बहाने कामगारें का डीए रोक सकता है।

  • Website Designing