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ज्यादातर सरकारी कर्मचारी करीब 17 साल पहले वर्ष 2004 में नेशनल पेंशन सिस्टम लागू होने के बाद से ही पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) को बहाल करने की मुहिम चला रहे हैं।

अब केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी दी है। दरअसल, मोदी सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत आने वाले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का फायदा देने का फैसला किया है।

केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का कहना है कि इस मामले में High Court का आदेश आने के बाद उस पर अमल किया जा रहा है।

इसमें उन कर्मचारियों को फायदा होगा जिनकी नियुक्ति 31/12/2003 के बाद हुई। इन कर्मचारियों को OPS चुनने का विकल्‍प दिया जाएगा। यानी ये पुरानी पेंशन के विकल्प का चयन कर सकते हैं।

केंद्रीय कर्मचारियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। याचिका की सुनवाई अदालत ने कहा कि नौकरी के लिए विज्ञापन 2003 में निकाला गया था और चयन प्रक्रिया फरवरी 2004 में खत्म हुई। लिहाजा कर्मचारियों पर नए पेंशन स्कीम लागू करने के फैसले से अदालत सहमत नहीं है।

यह देरी सरकार की तरफ से हुई है। जब विज्ञापन 2003 में निकाला गया था तो उनको उस समय का फायदा मिलना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने केन्द्रीय सिवित्र सेवा (पेंशन) नियमावली 1972 के तहत पुरानी पेंशन योजना का फायदा देने का आदेश दिया।

केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि फाइनेंस मिनिस्ट्री ने 22 दिसंबर, 2003 के नोटिफिकेशन पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए NPS शुरू किया था।

केंद्रीय सरकार की सेवा में दिनांक 1 जनवरी, 2004 से होने वाली सभी नई नियुक्तियों (सशस्त्र बलों को छोड़कर) के लिए NPS जरूरी है।

हालांकि कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने इसे पूरी तरह लागू करने का फैसला किया। इससे ऐसे सरकारी कर्मचारियों को, जिन्हें 01.01.2004 से पहले होने वाली रिक्तियों में 31.12.2003 को घोषित परिणामों में भर्ती के लिए सफल घोषित किया गया था और 01.01.2004 को या उसके बाद सर्विस में तैनाती पर NPS के तहत कवर किया गया है। उन्हें एक बार फिर से पुरानी पेंशन का विकल्प दिया जा सकता है।

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