Gold
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नई दिल्‍ली: सोना खरीदने का प्‍लान कर रहे तो अभी बढ़‍िया मौका है। कोरोना संकट के बीच एक बार फिर सोने-चांदी के भाव में गिरावट देखने को मिली। सोने की कीमत में आई गिरावट ने हलचल मचा दी है। महामारी संक्रमण रोकने के लिए टीका बनाने की खबर से सोने और चांदी कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली। वहीं अगर महामारी का कहर बढ़ा तो फिर सोने-चांदी के दाम में भी तेजी देखने को म‍िलेगी।

45000 रुपये तक लुढ़क सकता सोना वहीं निवेश के लिए जोखिम के दौर में सोने को अच्छा विकल्प माना जाता है। ऐसे में निवेशकों ने जमकर सोने में पैसा लगाया, लेकिन अब कीमतों में गिरावट आ रही है। हालांकि मौजूदा हालातों को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि अगर नए साल तक वैक्सीन लॉन्च हो जाती है तो सोना की कीमतें 45000 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। मजबूत होते अमेरिकी डॉलर और कोविड-19 वैक्सीन की खबरों के बीच सोना-चांदी सस्ता हुआ है। वहीं गोल्ड ईटीएफ में भी अब निवेशक कुछ खास रुचि नहीं ले रहे हैं।

5847 रुपये सस्‍ता हुआ सोना अपने ऑल टाइम हाई रेट से सोना अपने ऑल टाइम हाई से अब तक 5847 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो चुका है। आपको याद द‍िला दें कि चांदी 7 अगस्त के अपने उच्च शिखर से 13981 रुपये टूट चुकी है। 7 अगस्त को सर्राफा बाजारों में सोना 56254 पर खुला था। यह अपने सर्वोच्च शिखर पर था, जबकि चांदी 76008 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई थी। वहीं केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर का कहना है कि अगर वैक्सीन आ भी जाती है तो मार्केट इसपर डिस्काउंट कर चुका है। गोल्ड में तेजी की वजह मंदी का खतरा है, वैक्सीन का प्रभाव कम है।

सोने में निवेश फायदे का सौदा सेंसेक्स एक नए रिकॉर्ड पर है, लेकिन पिछली दिवाली और इस दिवाली में बहुत ज्यादा फर्क है। वैक्सीन के बनने के बाद उसके डिस्ट्रीब्यूट होने में काफी वक्त लगेगा, ऐसे में ये कहना ठीक नहीं है कि सोने का भाव 45000 तक आ जाएगा। वहीं एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एवं करेंसी) का कहना है कि कोरोना के टीके को लेकर आ रही सकारात्मक खबरों से सोने के भाव वैश्विक स्तर पर गिर रहे हैं। इसके बावजूद मौजूदा निचले स्तर को देखते हुए सोना अगले एक साल में 57 हजार से 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। उनका कहना है कि लंबी अवधि में सोने में निवेश फायदे का सौदा है।

जान लें आखि‍र कब तक मिलेगी वैक्सीन आपकी जानकारी के ल‍िए बता दें कि बीते रव‍िवार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर विकसित की जा रही महामारी वैक्सीन एक या दो महीने में अपना अंतिम परीक्षण पूरा कर सकती हैं, जिससे दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा संक्रमण वाले देश यानी भारत में वैक्सीन के तेजी से रोल-आउट होने की उम्मीद बढ़ जाती है। महामारी की वैक्सीन के लिए कोल्ड चेन मेंटेन करने की तैयारी बड़े स्तर पर शुरू हो गई है। इसके लिए कोविड सेंटरों में कोल्ड स्टोर बनाने के साथ ही कोल्ड चेन को मजबूत किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने अगले साल मई और जून तक कोरोना वैक्सीन की 50 करोड़ डोज मिलने का अनुमान लगाया है।

 

 

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