अहमदाबाद, 30 अक्टूबर। गुजरात के मोरबी जिले में रविवार शाम हुए केबल पुल हादसे में अब तक 141 लोगों की मौत होना बताया जा रहा है, अभी भी कई लोग लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए खोज अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल भी घटना स्थल पर पहुंच चुके हैं। इस बीच मोरबी नगर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.वी. जाला ने चौंकाने वाले खुलासे में कहा कि बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के पुल को जनता के लिए खोल दिया गया।

जाला ने स्थानीय मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, लंबे समय तक यह पुल जनता के लिए बंद रहा.. सात महीने पहले, एक निजी कंपनी को नवीनीकरण और रखरखाव के लिए अनुबंध दिया गया था और निजी कंपनी द्वारा 26 अक्टूबर (गुजराती नव वर्ष दिवस) पर जनता के लिए पुल को फिर से खोल दिया गया था। नगर पालिका ने फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया है।ष्

उन्होंने यहां तक दावा किया कि हो सकता है कि कंपनी को इंजीनियरिंग कंपनी से फिटनेस सर्टिफिकेट मिला हो, लेकिन उसे आज तक नगर पालिका को जमा नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने उन्हें और नगर निकाय को सूचित किए ही बिना जनता के लिए पुल को फिर से खोल दिया।

वहीं हादसे के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भी दावा किया कि आम तौर पर जब पुलों का निर्माण या जीर्णाेद्धार किया जाता है, तो इसे जनता के लिए खोलने से पहले, तकनीकी मूल्यांकन आवश्यक होता है और भार वहन क्षमता का परीक्षण किया जाता है इसके बाद ही संबंधित प्राधिकरण द्वारा एक उपयोग प्रमाणपत्र जारी होता है। हालांकि, पटेल ने या नगर निगम अधिकारी ने यह नहीं बताया कि बिन फिटनेस सर्टिफिकेट के पुल खोलने के मामले में सरकार ने या निगम ने क्या कार्रवाई की।

बता दें कि मोरबी में मच्छू नदी पर बने इस हैंगिंग ब्रिज (केबल पुल) का निर्माण मोरबी राजवंश के शासन सर वाघाजी ठाकोर ने लगभग 150 साल पहले करवाया था, जिसकी लंबाई 233 मीटर थी और यह 4.6 फीट चौड़ी थी। आज हुए हादसे के बाद इलाके में चीख-पुकार मच गया है। अब तक 60 लोगों की मौत की पुष्टि सरकार ने कर दी है, जबकि 70 लोग घायल बताए जा रहे हैं। वहीं अभी भी कई लोगों के लापता होने की बात कही जा रही है, जिनकी तलाश के लिए खोज अभियान जारी है।

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