बिलासपुर, 29 सितम्बर। एसईसीएल मुख्यालय में हिंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। 29 सितम्बर को समापन एसईसीएल मुख्यालय प्रशासनिक भवन के सीएमडी सभागार में अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ. प्रेम सागर मिश्रा के मुख्य आतिथ्य में हुआ।

समापन समारोह निदेशक तकनीकी संचालन सह कार्मिक एमके प्रसाद, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एसके पाल, निदेशक (वित्त) जी. श्रीनिवासन के विशिष्ट आतिथ्य, महाप्रबंधक (कार्मिक-प्रशासन)/मुख्य नोडल अधिकारी (राजभाषा) एके सक्सेना, विभिन्न विभागाध्यक्षों, क्षेत्रीय कार्यालय के कर्मियों, एसईसीएल मुख्यालय में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।

सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा ने कहा कि भारत बहुभाषा- भाषी राष्ट्र है, लेकिन हिंदी वह भाषा है जो भारत की एकता का प्रतीक है, यह हम सबको एक- दूसरे से आपस में जोड़ती है। हमें अधिकाधिक हिन्दी में बिना झिझक वार्तालाप व कार्यालयीन कार्य करना चाहिए। उन्होंने अपने सम्बोधन में हिंदी प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों के भाग लेने पर आयोजकों व प्रतिभागियों को बधाई, शुभकामनाएँ व धन्यवाद व्यक्त किया।

निदेशक तकनीकी संचालन सह कार्मिक एमके प्रसाद ने आव्हान करते हुए कहा अपने कार्य में मूलरूप से हिंदी को अपनाएं एवं अपने अधिकारियों-कर्मचारियों, सहयोगियों को हिंदी में कार्य करने हेतु प्रोत्साहित करें जिससे ज्ञान में वृद्धि के साथ-साथ हिंदी के पत्राचार में भी वृद्धि होगी।

एसके पाल ने कहा हिंदी के प्रति अपने रूझान को साल भर रखें तभी हम कोल इण्डिया में उत्पादन-उत्पादकता के साथ अन्य चीजों के समान हिन्दी पत्राचार में भी सर्वश्रेष्ठ रहेंगे। जी. श्रीनिवासन ने कहा हिन्दी सहज, सरल भाषा है जिसका अधिकाधिक कार्यालयीन कायों में उपयोग करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हम ’’क’’ क्षेत्र में आते हैं अतः हमें अधिकाधिक कार्य हिन्दी में करना चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों के करकमलों से पखवाड़े के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं-हिन्दी निबंध प्रतियोगिता (अन्य भाषी एवं हिन्दी भाषी हेतु अलग-अलग) में 32 प्रतियोगियों ने, विभागाध्यक्षों के लिए हिन्दी टिप्पण लेखन में 10 प्रतियोगियों ने, हिन्दी वाद विवाद प्रतियोगिता (अन्य भाषी एवं हिन्दी भाषी हेतु एक साथ) में 16 प्रतियोगियों ने, हिन्दी भाषण प्रतियोगिता (अन्य भाषी एवं हिन्दी भाषी हेतु एक साथ) में 18 प्रतियोगियों ने, हिन्दी व्याकरण ज्ञान प्रतियोगिता (अन्य भाषी एवं हिन्दी भाषी हेतु अलग-अलग) में 37 प्रतियोगियों ने, हिन्दी अंताक्षरी प्रतियोगिता (अन्य भाषी एवं हिन्दी भाषी हेतु एक साथ) में 42 प्रतियोगियों ने, हिन्दी पत्र एवं टिप्पण लेखन (अन्य भाषी एवं हिन्दी भाषी हेतु अलग-अलग) में 24 प्रतियोगियों ने, हिन्दी कविता पाठ प्रतियोगिता में (अन्य भाषी एवं हिन्दी भाषी हेतु एक साथ) में 21 प्रतियोगियों ने, चित्र आधारित हिन्दी कहानी लेखन प्रतियोगिता (अन्य भाषी एवं हिन्दी भाषी हेतु अलग-अलग) में 42 प्रतियोगियों ने, कम्प्यूटर आधारित हिन्दी टंकण प्रतियोगिता (अन्य भाषी एवं हिन्दी भाषी हेतु एक साथ) में 20 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किया गया ।

इसके साथ ही 01-01-2022 से 30-06-2022 तक के दौरान सबसे अधिक हिन्दी में पत्राचार करने वाले विभागों को स्व. शंकर दयाल सिंह स्मृति पुरस्कार योजना के अंतर्गत पुरस्कृत किया गया जिसमें ’’वर्ग एक-तकनीकी विभाग’’-में ’’प्रथम-उत्खनन विभाग’’, ’’द्वितीय-कोयला नियंत्रक विभाग’’ एवं ’’गुणवत्ता नियंत्रण विभाग’’ , ’’तृतीय-खान सुरक्षा व बचाव विभाग’’ एवं ’’उत्पादन विभाग’’ को प्रदान किया गया। ’’वर्ग दो-गैर तकनीकी विभाग’’ में ’’प्रथम-लोक सूचना विभाग’’ एवं ’’जनसंपर्क विभाग’’, ’’द्वितीय- ’’अधिकारी स्थापना विभाग’’ एवं ’’पीएफ-पेंशन विभाग’’ ’’तृतीय-निदेशक कार्मिक सचिवालय’’ एवं ’’सुरक्षा विभाग’’ को प्रदान किया गया जबकि क्षेत्रीय कार्यालयों हेतु ’’प्रथम-कोरबा क्षेत्र’’, ’’द्वितीय-कुसमुण्डा क्षेत्र’’ , ’’तृतीय-जमुना कोतमा क्षेत्र’’ को प्रदाय किया गया ।

कार्यक्रम का संचालन उप प्रबंधक (राजभाषा) श्रीमति सविता निर्मलकर ने किया जबकि अंत में उपस्थितों को धन्यवाद ज्ञापित सहायक प्रबंधक (राजभाषा) श्रीमती सोनम साखरे ने दिया।

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