देश में कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों (captive and commercial mines) से कोयला उत्पादन अप्रैल, 2025 में 14.01 मिलियन टन (MT) रहा, जबकि कोयले की ढुलाई 16.81 मिलियन टन दर्ज की गई, जो वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक अच्छी शुरुआत है।
यह वित्त वर्ष 2023-24 और वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल के आंकड़ों की तुलना में साल-दर-साल उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है। संलग्न ग्राफ स्पष्ट रूप से लगातार तीन वर्षों में प्रदर्शन में सुधार को दर्शाता है, जिसमें उत्पादन और ढुलाई दोनों में मजबूत वृद्धि दिखाई देती है।
कोयला मंत्रालय (Coal Ministry) इस सफलता का श्रेय निरंतर नीतिगत हस्तक्षेप, निगरानी और परिचालन मंजूरी में तेजी लाने तथा उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए हितधारकों के सहयोग को देता है। इस उपलब्धि में प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक नव विकसित कोयला ब्लॉकों में परिचालन की शुरुआत है:
- मेसर्स सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के कोटरे बसंतपुर पचमो ब्लॉक, जिसकी अधिकतम क्षमता (पीआरसी) 5 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (ओपनकास्ट) है, ने 15 अप्रैल 2025 से परिचालन शुरू कर दिया।
- मेसर्स सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) के नैनी कोयला ब्लॉक, जिसका पीआरसी 10 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (ओपनकास्ट) है, ने 16 अप्रैल 2025 से परिचालन शुरू कर दिया।
कोयला मंत्रालय देश में कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खनन की पूरी क्षमता को अनलॉक करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। इसका ध्यान निर्बाध उत्पादन सुनिश्चित करने, आपूर्ति में व्यवधान को कम करने और देश की बढ़ती ऊर्जा मांग में महत्वपूर्ण योगदान देने पर है।