केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया और जापान के आर्थिक, व्यापार और उद्योग मंत्री श्री निशिमुरा यासुतोशी ने इस्पात क्षेत्र में सहयोग और डीकार्बोनाइजेशन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए आज नई दिल्ली में एक द्विपक्षीय बैठक की।

दोनों पक्षों ने एक नीतिगत दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर जोर दिया, जिसमें प्रत्येक देश के उद्योग की परिस्थितियों को ध्यान में रखा जा रहा है और उसमें इस्पात क्षेत्र में आर्थिक विकास और कार्बन उत्‍सर्जन में कमी लाने के बारे में अंतर्निहित मौलिक सिद्धांत शामिल हैं। उन्होंने यह भी विचार साझा किया कि भारत व जापान दुनिया के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक और वैश्विक इस्पात उद्योग में लाभ के एकसमान भागीदार हैं।

जापानी इस्पात उत्पादकों द्वारा भारत में निवेश की गतिविधियों के हाल के विस्तार को स्वीकार करते हुए, दोनों पक्षों ने दोनों देशों के सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग का समर्थन करने का निर्णय लिया, जिससे वैश्विक इस्पात उद्योग का समुचित विकास होगा।

दोनों पक्षों ने इस्‍पात उद्योग में कार्बन उत्‍सर्जन में कमी लाने के उपायों का महत्‍व देते हुए, अपने लिए निर्धारित नेट जीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहयोग के महत्व की भी पुष्टि की। इस तरह के सहयोग को जारी रखने के लिए, नवंबर 2023 में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ स्टील डायलॉग और अन्य सहयोग आधारित कार्यक्रमों के माध्यम से ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और स्टील उत्पादन के क्रम में कार्बन उत्‍सर्जन घटाने के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों पर उचित ध्यान देते हुए आगे की चर्चा आयोजित करने का संयुक्त रूप से निर्णय लिया गया।

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