कोचीन शिपयार्ड द्वारा निर्मित प्रतिष्ठित स्वदेशी विमान वाहक विक्रांत की डिलीवरी लेने के साथ ही भारतीय नौसेना ने एक इतिहास रचा है।

विक्रांत पोत के मनोनीत कमांडिंग ऑफिसर कमोडोर विद्याधर हारके और कोचीन शिपयार्ड के अध्‍यक्ष तथा प्रबंध निदेशक मधु एस नायर ने विमानवाहक जहाज विक्रांत को नौसेना को हवाले किये जाने से संबंधित दस्‍तावेजों पर हस्‍ताक्षर किये।

विक्रांत को नौसेना को सौंपे जाने के साथ ही भारत उन चुनिंदा राष्‍ट्रों में शामिल हो गया है जो देश में ही विमानवाहक समुद्री जहाज का निर्माण करते हैं।

विक्रांत अगले महीने तक भारतीय नौसेना में शामिल होकर पूर्ण रूप से कार्यरत हो जायेगा।

भारत के पहले विमान वाहक जहाज का नाम भी विक्रांत था जिसने 1971 के युद्ध में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

36 वर्ष की शानदार सेवा के बाद विक्रांत 31 जनवरी 1997 को कार्य मुक्‍त कर दिया गया।

रक्षा मंत्रालय ने अपनी एक विज्ञप्ति में कहा है कि देश की जहाजरानी क्षेत्र की सुरक्षा के क्षमता निर्माण में विक्रांत का यह नया स्‍वरूप देश की इस दिशा में उत्‍साह का सच्‍चा प्रमाण है।

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