शनिवार को भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने कहा कि उसने अडानी समूह (Adani Group) की कंपनियों में निवेश स्वतंत्र रूप से और विस्तृत जांच-पड़ताल के बाद किया।
कंपनी ने कहा कि ऐसा निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित नीतियों के अनुसार किया गया था। एलआईसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक बयान में कहा, ”केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग या किसी अन्य निकाय की ऐसे (निवेश) निर्णयों में कोई भूमिका नहीं होती है।”
एलआईसी ने बयान में कहा कि भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में बुनियादी बातों और विस्तृत जांच-पड़ताल के आधार पर विभिन्न कंपनियों में निवेश के फैसले लिए हैं।
भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में इसका निवेश मूल्य 2014 से 10 गुना बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये से 15.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो मज़बूत फंड प्रबंधन को दर्शाता है।एलआईसी ने कहा कि उसने पिछले कुछ वर्षों में निवेश के फैसले कंपनियों बुनियादी आंकड़ों और जांच-पड़ताल के आधार पर लिए हैं।
कंपनी ने कहा, “एलआईसी ने जांच-पड़ताल के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित किया है और इसके सभी निवेश निर्णय सभी हितधारकों के सर्वोत्तम हित में, मौजूदा नीतियों, अधिनियमों के प्रावधानों और नियामक दिशानिर्देशों के अनुपालन में लिए गए हैं।” यह बयान अमेरिकी अखबार ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ में प्रकाशित रिपोर्ट के जवाब में आया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एलआईसी को सरकारी अधिकारियों ने इस साल अडानी समूह में निवेश करने के लिए प्रभावित किया था। जबकि उस समय अडानी समूह भारी ऋण में था और अमेरिका में जांच का सामना कर रहा था।
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