केंद्र और राज्य के कम से कम 50 संगठनों ने पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए नुकसानदायक साबित हुई है।

संगठनों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं की तो वे संसद के मानसून सत्र के दौरान जुलूस निकालेंगे। राष्ट्रीय संयुक्त कार्रवाई परिषद (एनजेसीए) के बैनर तले संगठनों ने बयान जारी कर कहा कि मांग को लेकर 21 जनवरी को नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

एनजेसीए ने एक बयान में कहा, एक जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए केंद्रीय कर्मियों के लिए एनपीएस लागू हुई और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अलग-अलग तिथियों पर इसे लागू कर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों के लिए इसे नुकसानदायक बना दिया। यह किसी भी तरह से गारंटीशुदा पुरानी पेंशन योजना से मेल नहीं खाता है।

बयान के अनुसार, संगठनों को लगता है कि आंदोलन को बढ़ाने और राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई करने की जरूरत है। बयान में कहा गया कि एनजेसीए के बैनर तले पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए एक संयुक्त मंच गठित किया गया है।

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