PK का राजनीति में एंट्री का संकेत, बिहार में नए बदलाव और नई सोच लाने 3000 किमी की पदयात्रा करेंगे

गुरुवार को चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फें्रस के जरिए साफ संकेत दिया कि वे राजनीति में एंट्री करने जा रहे हैं। पीके के नाम से मशहूर प्रशांत ने कहा कि बिहार में नए बदलाव और नई सोच की जरूरत है।

पटना, 05 मई। गुरुवार को चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फें्रस के जरिए साफ संकेत दिया कि वे राजनीति में एंट्री करने जा रहे हैं। पीके के नाम से मशहूर प्रशांत ने कहा कि बिहार में नए बदलाव और नई सोच की जरूरत है।

उन्होंने अपने प्लान का खुलासा किया, लेकिन ये नहीं कहा कि वे कोई राजनीतिक दल का गठन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर हम पार्टी बनाने की तरफ बढ़ते भी हैं तो वो प्रशांत किशोर की पार्टी नहीं होगी। अगले 3-4 महीनों में हमने बिहार में जिन 17-18 हज़ार लोगों को चिन्हित किया है, वे साथ में आकर तय करते हैं कि पार्टी बनाने की जरूरत है तो उस समय ये फैसला लिया जाएगा।

पीके ने कहा 2 अक्टूबर से मैं स्वयं पश्चिमी चंपारण गांधी आश्रम से 3000 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू करूंगा। बिहार के जिन लोगों से मिलना जरूरी है उनसे मुलाकात की जाएगी। उन्हें जनसुराज की परिकल्पना से जोड़ने का प्रयास करेंगे।

प्रशांत ने कहा कि बिहार आज 30 साल के लालू और नीतीश के राज के बाद भी देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है। विकास के कई मानकों पर बिहार आज भी देश के सबसे निचले पायदान पर है। बिहार अगर आने वाले समय में अग्रणी राज्यों की सूची में आना चाहता है तो इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है।

यहां बताना होगा कि प्रशांत किशोर इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई- पैक) नाम का संगठन चलाते हैं। यह लीडरशिप, राजनीतिक रणनीति, मैसेज कैंपेन और नेताओं के भाषणों की ब्रांडिंग करता है।

प्रशांत किशोर 34 साल की उम्र में अफ्रीका से संयुक्त राष्ट्र की नौकरी छोड़कर 2011 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की टीम से जुड़े थे। 2014 में मोदी को केन्द्र की सत्ता में लाने की वजह से चर्चा में रहे। पीके को बेहतरीन चुनावी रणनीतिकार के तौर पर जाना जाता है।

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