नई दिल्ली, 06 अगस्त। क्या 8वां वेतन आयोग आएगा? यह सवाल केन्द्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में बीच गूंज रहा है।

इस संदर्भ में सरकार से संसद में सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार केन्द्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में संशोधन के लिए आठवें केन्द्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) का गठन नहीं करने पर विचार कर रही है?

संसद में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने आठवें केन्द्रीय वेतन आयोग का गठन नहीं करने के विचार संबंधी प्रश्न को नकार दिया, लेकिन यह भी स्पष्ट नहीं किया कि 8वां वेतन आयोग आएगा या नहीं।

सरकार से यह भी पूछा गया था कि क्या यह भी सच है कि सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग ने सिफारिश की थी कि सरकार को कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए दस साल की लंबी अवधि के बाद नया वेतन आयोग बनाने के बजाय इनके वेतन, भत्तों और पेंशन की समीक्षा प्रत्येक वर्ष करनी चाहिए? और यदि हां, तो सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को अभी तक लागू नहीं करने के क्या कारण हैं?

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने उक्त सवाल का यह जवाब दिया, “सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग के अध्यक्ष ने अपनी रिपोर्ट अग्रेषित करते हुए पैरा 1.22 में यह सिफारिश की थी कि मेट्रिक्स को दस वर्ष की लंबी अवधि की प्रतीक्षा किए बिना आवधिक रूप से पुनरीक्षित किया जाए इसे एक्रॉयड फार्मूला आधार पर पुनरीक्षित और संशोधित किया जा सकता है। जिसमें ऐसी उपयोगी वस्तुओं के मूल्य परिवर्तनों को विचार के लिए शामिल किया जाता है जो सामान्य व्यक्ति की जरूरतों में शामिल होती हैं, जिनकी शिमला स्थित श्रम ब्यूरो आवधिक रूप से समीक्षा करता है। सुझाव है कि नए वेतन आयोग की प्रतीक्षा किए बिना उस मेट्रिक्स को आवधिक रूप से संशोधित करने के लिए इसे ही आधार बनाया जाना चाहिए। सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग के आधार पर वेतन और भत्तों के संशोधन के लिए अनुमोदन प्रदान करते समय केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इस मुद्दे पर विचार नहीं किया गया है।”

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