वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आम बजट बनाने का प्रथम चरण हुआ शुरू

बजट पूर्व बैठकों के दौरान मंत्रालयों/विभागों की प्राप्तियों के साथ-साथ व्यय की सभी श्रेणियों के लिए धन की आवश्यकता पर चर्चा की जाएगी।

Union Cabinet

वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट को बनाने की कवायद 10 अक्टूबर से शुरू हो गईं है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए व्यय के संशोधित अनुमान को अंतिम रूप देने और अगले वित्त वर्ष के लिए बजट अनुमान के पहले मसौदे पर चर्चा करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी बैठकें आज से शुरू हो गईं हैं। बैठकों की अध्यक्षता व्यय सचिव टीवी सोमनाथन करेंगे, जो वित्त सचिव भी हैं।

बजट का प्रथम चरण

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट बनाने की कवायद के पहले चरण में 54 केंद्रीय मंत्रालयों और 102 विभागों से संबंधित अनुदानों की मांगों पर चर्चा करने के लिए एक महीने (10 अक्टूबर – 11 नवंबर) तक बैठकें होंगी। आम तौर पर संशोधित अनुमान वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर) के दौरान खर्च के आधार पर निकाला जाता है, जबकि अगले वित्त वर्ष के बजट अनुमान के पहले मसौदे पर पिछले वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान खर्च के आधार पर चर्चा की जाती है।

बजट पूर्व बैठकों के दौरान मंत्रालयों/विभागों की प्राप्तियों के साथ-साथ व्यय की सभी श्रेणियों के लिए धन की आवश्यकता पर चर्चा की जाएगी। सांकेतिक बजट के आंकड़ों पर शुद्ध आधार पर चर्चा की जाएगी। विभागीय रूप से संचालित वाणिज्यिक उपक्रमों की प्राप्तियों पर भी चर्चा की जाएगी, जो सकल व्यय के विरुद्ध हैं। सभी मंत्रालयों/विभागों को व्यय विभाग द्वारा पुष्टि के लिए मौजूदा केंद्रीय योजनाओं/परियोजनाओं के लिए वर्ष-वार परिव्यय भरना आवश्यक है।

बजट सर्कुलर 2023-24 में कहा गया है ‘बजट आवंटन केवल उन योजनाओं के लिए किया जाएगा जो व्यय विभाग (डीओई) द्वारा अनुमोदित, अनुमानित प्रतिबद्ध देनदारियां (ईसीएल) मॉड्यूल में दर्ज हैं।’ इसलिए मंत्रालयों/विभागों को सभी चल रही योजनाओं को ईसीएल मॉड्यूल में दर्ज करने और बजट पूर्व बैठकों के शुरू होने से पहले उन्हें डीओई द्वारा अनुमोदित करने के लिए उचित देखभाल करनी चाहिए ।

इन मंत्रालयों के साथ बैठक

बजट की प्रक्रिया की शुरुआत विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ चालू वित्त वर्ष 2022-23 के व्यय के संशोधित अनुमानों (आरई) और 2023-24 के लिए कोष की जरूरत पर विचार-विमर्श के साथ शुरू होगी। सोमवार को पहले दिन पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय और युवा मामले और खेल मंत्रालय के साथ संशोधित अनुमानों पर बैठकें होंगी। चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमानों और 2023-24 के लिए बजट अनुमानों पर ज्यादातर बैठकों की अध्यक्षता वित्त सचिव और व्यय सचिव करेंगे। वित्त मंत्रालय के बजट प्रभाग के अनुसार, एक माह तक चलने वाला यह विचार-विमर्श 10 नवंबर को सहकारिता मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण विभाग, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, रेल मंत्रालय और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ बैठकों के साथ पूरा होगा।

माना जा रहा है कि अगले वित्त वर्ष का सरकार का वार्षिक बजट सुस्त वैश्विक परिदृश्य के बीच वृद्धि को प्रोत्साहन देने के उपायों पर केंद्रित होगा। पूर्व बैठकों के बाद 2023-24 के लिए बजट अनुमानों को अस्थायी तौर पर अंतिम रूप जनवरी 2023 में दे दिया जाएगा। यह नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पांचवां बजट होगा। अप्रैल-मई 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले यह आखिरी पूर्ण बजट होगा। चुनावी साल में सरकार सीमित अवधि के लिए लेखानुदान पेश करती है। उसके बाद बजट जुलाई में पेश किया जाता है।

केन्द्र सरकार ने बदली बजट परंपरा

वित्त वर्ष 2023-24 का बजट एक फरवरी 2023 को पेश किए जाने की उम्मीद है। और नए संसद भवन में पहला बजट होने की संभावना है। केंद्र सरकार ने फरवरी के अंत में बजट पेश करने की अंग्रेजों के जमाने की परंपरा को खत्म कर दिया था। तब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पहली बार 1 फरवरी, 2017 को बजट पेश किया था। इससे विभिन्न मंत्रालयों को अप्रैल में वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही फंड आवंटित कर दिया जाता है। साथ ही इससे कंपनियों को भी अपना बिजनेस और टैक्सेशन प्लान बनाने के लिए समय मिल जाता है।

प्रत्यक्ष कर संग्रह 24% बढ़कर 8.98 लाख करोड़

कारपोरेट और व्यक्तिगत आय पर कुल कर संग्रह चालू वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल से अब तक करीब 24 फीसद बढ़कर 8.98 लाख करोड़ रुपए रहा है। जो इससे पिछले साल की समान अवधि के संग्रह से 23.8 फीसद अधिक है । कर विभाग ने रविवार को एक बयान में कहा कि एक अप्रैल से आठ अक्तूबर के दौरान कारपोरेट आय पर कर संग्रह में 16.74 फीसद की वृद्धि हुई है, वहीं व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 32.30 फीसद का उछाल आया है। प्रत्यक्ष कर में कारपोरेट और व्यक्तिगत आयकर दोनों शामिल होते हैं। भुगतान वापसी को समायोजित करने के बाद शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 7.45 लाख करोड़ रुपए रहा है, जो एक साल पहले की इसी अवधि में शुद्ध संग्रह से 16.3 फीसद अधिक है। यह संग्रह वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान का 52.46 फीसद है । इस वित्त वर्ष के बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.20 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया है। कर संग्रह को किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियों का संकेतक माना जाता है।

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