नई दिल्ली, 04 जून। छह जून को नई दिल्ली में अंडर ग्राउंड माइनिंग, सस्टेनेबिलिटी पर कार्यक्रम तथा कोल मिनिस्टर अवार्ड समारोह आयोजित प्रस्तावित है। इसमें कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी (Coal Minister Pralhad Joshi) की मौजूदगी रहेगी। कोयला मंत्रालय एवं कोल इंडिया के उच्च अधिकारियों की भी उपस्थिति रहेगी।

इधर, पांचों यूनियन से एक- एक प्रमुख पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया। एचएमएस से नाथूलाल पांडेय, इंटक से एसक्यू जमा, बीएमएस से सुधीर घुरडे, सीटू से डीडी रामनदंन, एटक से हरिद्वार सिंह नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। बताया गया है कि यूनियन के इन नेताओं की मुलाकात कोयला मंत्री श्री जोशी से कराई जाएगी। कहा जा रहा था कि कोयला मंत्री से यूनियन नेता वन- टू- वन मिलेंगे। इसकी जानकारी मिलने पर कुछेक नेताओं ने आपत्ति दर्ज कराई। अब कहा जा रहा है कि यूनियन नेताओं की संयुक्त मुलाकात कोयला मंत्री से होगी। यूनियन नेता कोयला मंत्री से NCWA- XI को मंत्रालय से स्वीकृति दिलाने का अनुरोध करेंगे। कुछ और मुद्दों पर भी बात हो सकती है।

माना जा रहा है कोल मिनिस्टर के समक्ष सीआईएल के शेयर बिक्री का मुद्दा भी उठ सकता है। हालांकि शेयर बिक्री के मामले को लेकर केवल सीटू नेता डीडी रामनदंन ही आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने इस संदर्भ में कड़ा ऐतराज जताते हुए कोल सेक्रेटरी को पत्र भी लिखा है।

यहां बताना होगा कि JBCCI की 10वीं बैठक में नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट- XI (NCWA- XI) पर मुहर लगा दी गई है। 30 मई को कोल इंडिया बोर्ड (CIL Board) ने भी इसे अपनी मंजूरी दे दी है। इससे पहले 3 जनवरी को आयोजित हुई जेबीसीसीआई की बैठक में 19 फीसदी मिनिमम गारंटी बेनिफिट (MGB) पर सहमति बन चुकी थी, लेकिन अब तक डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेस (DPE) ने इसे स्वीकृति प्रदान नहीं की है। डीपीई द्वारा 19 फीसदी एमजीबी को स्वीकृति प्रदान करने के बाद ही इसे लागू किया जा सकेगा। 19- 20 मई को आयोजित हुई जेबीसीसीआई की 10वीं बैठक में वेतन समझौते को अंतिम रूप देने के दौरान यह कहा गया कि एक जुलाई से नए वेतनमान का लाभ कोयला कामगारों को मिलने लगेगा। यूनियन नेताओं की कोयला मंत्री से मुलाकात के दौरान इस मुद्दे पर जोर रहेगा। डीपीई की मंजूरी मिलने के बाद ही कोयला मंत्रालय अपनी स्वीकृति प्रदान करेगा।

दरअसल डीपीई के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 24/11/2017 में निहित प्रावधानों के तहत ही वेतन समझौते को अंतिम रूप दिया जाना था। डीपीई द्वारा इन प्रावधानों को शिथिल किए जाने पर ही 19 फीसदी एमजीबी को लाभ कोयला कामगारों को मिल सकेगा।

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