केंद्रीय इस्‍पात मंत्री धमेन्‍द्र प्रधान ने छत्‍तीसगढ में स्‍टील अथारिटी ऑफ इंडिया – सेल के भिलाई इस्‍पात संयंत्र में आज 114 बिस्‍तरों वाले कोविड देखभाल केंद्र का लोकार्पण किया। यह अस्‍पताल ऑक्‍सीजन की सुविधा से युक्‍त है, जिसके लिए डेढ किलोमीटर लम्‍बी ऑक्‍सीजन पाईपलाइन इस्‍पात संयंत्र से यहां लाई गई है। पहले चरण के इस प्रयास के बाद दो अन्‍य चरणों में इस केंद्र में ऑक्‍सीजन युक्‍त पांच सौ बिस्‍तर उपलब्‍ध कराए जाएंगे।

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इस अवसर पर श्री प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने जहां बीमार-वहीं उपचार का मंत्र दिया है और इसी का पालन करते हुए ऑक्‍सीजन के उत्‍पादन के स्‍थान के समीप कोविड उपचार केंद्र बनाया गया है। कोविड संक्रमण काल के दौरान बिहार इस्‍पात संयंत्र की भूमिका की सराहना करते हुए इस्‍पात मंत्री ने कहा कि इस संयंत्र के अस्‍पतालों ने कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान मरीजों के उपचार के अलावा देश में चिकित्‍सा ऑक्‍सीजन उपलब्‍ध कराने में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा की। कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान देश में ऑक्‍सीजन की मांग अचानक बहुत बढ गई थी। श्री प्रधान ने कहा कि इस्‍पात संयंत्रों ने इस समस्‍या को समझते हुए अपने सामान्‍य उत्‍पादन को कम करते हुए ऑक्‍सीजन का उत्‍पादन बढाकर राष्‍ट्र की जरूरत पूरी की।

इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कोविड-19 महामारी के दौरान इस्पात क्षेत्र द्वारा किए जा रहे विभिन्न उपायों की चर्चा की।

इस वर्चुअल उद्घाटन समारोह में छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी. एस. सिंह देव, छत्तीसगढ़ सरकार के परिवहन, आवास, पर्यावरण, वन एवं विधि मंत्री  मोहम्मद अकबर, राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पांडेय, लोकसभा में दुर्ग के सांसद विजय बघेल और भिलाई के विधायक श्री देवेंद्र यादव ने भी भाग लिया। समारोह में एक लघु ऑडियो- विजुअल फिल्म भी दिखाई गई।

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सेल-भिलाई स्टील प्लांट के जेएलएन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने इस क्षेत्र के कोविड मरीजों के इलाज में अहम भूमिका निभाई है। भिलाई के इस अस्पताल में अब तक 8000 कोविड मरीजों का इलाज किया जा चुका है। हाल ही में मरीजों की संख्या बढ़ने से ऑक्सीजन सुविधा वाले बेड की संख्या बढ़ाकर 594 कर दी गई है, जिसमें पाइप से ऑक्सीजन सप्लाई वाले 560 बेड शामिल हैं। दाखिल रोगी के उपचार के अलावा, लगभग 31,000 व्यक्तियों की चार केंद्रों पर कोविड की जांच की गई जिसमें एक केंद्र संयंत्र के भीतर है। एक विशेष फ्लू-क्लिनिक की स्थापना की गई थी जहां 35,000 से अधिक कोविड-संदिग्ध व्यक्तियों को चिकित्सा परामर्श दिया गया था।

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