मुंबई/नई दिल्ली। भारत में मेटल्स, आॅयल और गैस के प्रमुख उत्पादक वेदांता लिमिटेड ने विशेष अभियान ‘आत्मनिर्भर भारत के लिए‘ की शुरूआत की गयी।

इस अभियान का उद्देश्य पिछले 75 वर्षों में भारत की स्वतंत्रता की उल्लेखनीय यात्रा को उजागर करना और आर्थिक आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में इसकी आगे की खोज है।

पिछले दशकों में वेदांता समूह न केवल इस यात्रा में एक उत्साही भागीदार रहा है, बल्कि भारत के आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य में अपनी भूमिका निभाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। नए अभियान की शुरूआत के हिस्से के रूप में, कंपनी ने एक नया वीडियो लॉन्च किया, जिसमें दर्शाया गया है कि भारत की महत्वपूर्ण खनिज संपदा में समग्र आर्थिक विकास और समृद्धि को चलाने की क्षमता है।

वेदांता के इस अभियान को सभी टीवी चैनल और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लांच करने के बाद दर्शकों से उत्साह जनक प्रतिक्रिया मिली है। इस अभियान ने देशवासियों को आत्मनिर्भर भारत में योगदान के लिये प्रेरित किया है।

आत्मानिर्भर भारत फिल्म एक शिक्षक और वेदांता के एक इंजीनियर के माध्यम से स्कूल बस में बच्चों को इस तथ्य के बारे में शिक्षित करती है कि स्टील, एल्यूमीनियम, जस्ता आदि जैसे सभी प्राकृतिक संसाधन धरती माता से मिलते हैं।

यह वीडियो प्रसिद्ध संगीत के साथ यह बताता है कि देश की धरती के भीतर छिपे हुए आशीर्वाद है जिनका यदि उचित उपयोग किया जाए, तो हमें देश की जरूरतों को पूरा करने और आत्मनिर्भर देश बनने में मदद मिलेगी।

अभियान का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में योगदान करने के उद्देश्य से राष्ट्र निर्माण के बड़े उद्देश्य को स्थापित करना है, ताकि हमारे देश के ‘आत्मनिर्भर भारत‘ के दृष्टिकोण को प्राप्त किया जा सके।

वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, आत्मनिर्भर, यह शब्द अपने आप में बहुत अधिक महत्व रखता है जो हमें दूसरों पर कम निर्भर रहने का आग्रह करता है। हमारा अभियान ‘आत्मनिर्भर भारत के लिए‘ माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का विस्तार है, जो घरेलू स्तर पर उत्पादन बढ़ाने और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी होकर देश और देशवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है।

महामारी ने हमें सिखा दिया है कि हमें आत्मनिर्भर होना आवश्यक है। हमारे जैसे युवा राष्ट्र के लिए, हमें केवल प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर धरती माता पर निर्भरता की आवश्यकता है। हम इन संसाधनों को पर्यावरण की दृष्टि से सस्टेनेबल तरीके से उपलब्ध कराना चाहते हैं और साथ मिलकर हम भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़कर अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व रूप से आगे बढ़ा सकते हैं।

आत्मनिर्भर बनने के भारत के अभियान में प्राकृतिक संसाधन क्षेत्र में लगभग 1 ट्रिलियन अधिक योगदान करने की क्षमता है। खनन नीति सुधारों का उद्देश्य निजी क्षेत्रों में कार्य के लिए अवसर उपलब्ध कर उद्योग को उदार बनाना है जिससे लगभग 5 लाख नये रोजगार के अवसरों में मदद मिलेगी।

पांच वर्षों के भीतर, भारत का खनिज उत्पादन 200 प्रतिशत तक बढ़ सकता है जबकि खनिजों में इसके व्यापार के घाटे मंे 50 प्रतिशत की कमी होगी। भारत प्रचुर खनिज संसाधनों से संपन्न है जो देश को आयात निर्भरता को दूर करने के अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

वेदांता का कारोबार एल्युमीनियम और जिंक के क्षेत्र में विस्तारित है। राष्ट्र निर्माण पहल में कॉपर, आयरन एंड स्टील और ऑयल एंड गैस का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

यह जस्ता, चांदी और एल्यूमीनियम का देश का सबसे बड़ा उत्पादक है और घरेलू उत्पादन का लगभग एक चैथाई उत्पादन करने वाला आॅयल और गैस का सबसे बड़ा निजी उत्पादक है। वेदांता ने पिछले दस वर्षों में सरकारी खजाने में 2.74 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया है।

वेदांता ने पर्याप्त रूप से प्रदर्शित किया है कि पर्यावरण और समुदायों की पर्याप्त देखभाल के साथ, प्राकृतिक संसाधन क्षेत्र के लिए सर्वोत्तम ईएसजी प्रथाओं को स्थायी तरीके से अपनाना संभव है।

प्राकृतिक संसाधनों के क्षेत्र में एक रोल मॉडल के रूप में, वेदांता समान विश्व स्तर के अन्य उद्योगों के लिए भारत में आने और निवेश करने के लिए एक उत्कृष्ट टेम्पलेट प्रदान करता है।

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