नई दिल्ली, 29 अक्टूबर। कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते में बाधा बनी डीपीई की गाइडलाइन में छूट की गेंद अब वित्त मंत्रालय के पाले में पहुंच गई है। देखना यह होगा कि जेबीसीसीआई की 7वीं बैठक के पहले वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले लोक उद्यम विभाग (DPE) द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है।

यहां बताना होगा कि 7 सितम्बर, 2022 को सीआईएल के निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध) विनय रंजन ने कोयला मंत्रालय को एक पत्र भेजा था। इसमें कोयला मंत्रालय को बताया गया था कि जेबीसीसीआई- XI की छह बैठकें हो चुकी हैं। प्रबंधन ने पत्र में कोयला मंत्रालय को बताया था कि जेबीसीसीआई के यूनियन सदस्यों को बताया जा चुका है कि डीपीई के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 24/11/2017 में निहित प्रावधानों के तहत ही वेतन समझौते को अंतिम रूप दिया जाना है, जैसा कि डीपीई गाइडलाइन के तहत अन्य सीपीएसई में वेतन समझौता होता है।

सीआईएल निदेषक ने अपने पत्र में कहा था कि जब तक DPE की गाइडलाइन में छूट नहीं दी जाती कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते को लेकर आगे बढ़ना संभव नहीं है। पत्र में कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन में ओवरलैपिंग की बात भी लिखी गई थी और कहा गया है कि ऐसा होने से कामगारों और अधिकारियों के मध्य वेतन संघर्ष की स्थिति निर्मित होगी।

सीआईएल के इस पत्र के आलोक में कोयला मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के लोक उद्यम विभाग को कार्यालय ज्ञापन दिनांक 24/11/2017 में निहित प्रावधानों में छूट देने की अनुशंसा की थी। बताया गया है कि पत्र में 8वें वेतन समझौते के दौरान भी इस तरह की छूट दी गई थी।

कोयला मंत्रालय द्वारा डीपीई को पत्र भेजे पखवाड़ेभर से ज्यादा का समय गुजर चुका है। इधर, जेबीसीसीआई की 7वीं बैठक की सुगबुगाहठ शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि यह बैठक 20 नवम्बर के बाद होगी।

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