Nathulal Pandey
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बिलासपुर, 08 मार्च। हिंद खदान मजदूर फेडरेशन (HMS) के अध्यक्ष नाथूलाल पाण्डेय ने डब्ल्यूसीएल (WCL) के पाथाखेड़ा की छतरपुर- 1 खदान दुर्घटना में मारे गए कर्मचारियों के लिए विशेष अनुग्रह राशि तथा कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की मांग उठाई है। इस संदर्भ में एचएमएस नेता ने कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी को पत्र लिखा है।

नाथूलाल पाण्डेय ने पत्र में लिखा है कि 6 मार्च, 2025 को मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में पाथाखेड़ा, डब्ल्यूसीएल की छतरपुर-1 कोयला खदान में एक बड़ी खदान दुर्घटना हुई। यह छत गिरने के कारण हुई, जहां विभिन्न कारणों से उत्पादन पहले से रोक दिया गया था। इस दुर्घटना में 3 दारुण मौतें (गोविंद कोसरिया, रामप्रसाद चौहान, रामदेव पंडोले) हुईं, जबकि कई कर्मचारी घायल हुए।

यह घटना दर्शाती है कि सुरक्षा मानदंडों की भारी अनदेखी हुई है। उत्पादन के नाम पर, प्रबंधन एक ऐसी खदान में उत्पादन शुरू करना चाहता था, जहां विभिन्न कारणों से उत्पादन पहले ही रोक दिया गया था। ऐसा लगता है कि श्रमिकों को बिना उचित अध्ययन, सुरक्षा मानदंडों का पालन किए बिना, सुरक्षा उपकरण आदि के बिना ही खदान में प्रवेश करने के लिए मजबूर किया गया था। बंद खदानों में उत्पादन शुरू करने से पहले, कुछ सुरक्षा मानदंडों का पालन किया जाना अति आवश्यक है। यह ज्ञात नहीं है कि टेल-टेल (Tell- tale) मशीन लगाई गई थी या नहीं। यह एक ऐसी मशीन है जो खदान की छत की स्थिति के बारे में चेतावनी देती है। यह आमतौर पर खदान की छत के जंक्शनों में लगाई जाती है।

देश के लिए कोयले का बढ़ता उत्पादन जरूरी है, लेकिन कर्मचारियों की जान की सुरक्षा भी उतनी ही महत्व है। श्री पाण्डेय ने मांग की है कि 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और आश्रित को रोजगार तथा अन्य सामाजिक सुरक्षा के अलावा, इन कर्मचारियों के वास्तविक सेवानिवृत्ति तक के पूर्ण वेतन के बराबर -राशि उनके परिवार को विशेष अनुग्रह राशि के रूप में दी जाए।

यदि उचित सुरक्षा मानदंडों का पालन किया जाता तो यह दुर्घटना रोकी जा सकती थी। इस दुर्घटना के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया जाए ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके और जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित किया जा सके।

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